सोमवार 28 अप्रैल, 2025 की सुबह में 7 बजकर 52 मिनट पर शनि ग्रह पूर्वाभाद्रपद से निकलकर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। शनि ग्रह का यह गोचर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम पद यानी चरण में होगा। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण में शनि ग्रह 7 जून, 2025 तक रहेंगे। इसके बाद वे इसी नक्षत्र के द्वितीय चरण में प्रवेश कर जाएंगे। आपको बता दें कि प्रत्येक नक्षत्र के 5 चरण या पद होते हैं, जिनसे सभी ग्रहों को गुजरना यानी गोचर करना होता है और हर चरण में ग्रह के गोचर का प्रभाव भिन्न-भिन्न होता है।
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में शनि गोचर का राशियों पर असर
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, उत्तराभाद्रपद नक्षत्रमंडल का 26वां नक्षत्र है, जो मीन राशि के अंतर्गत आता है, जिसके राशि स्वामी गुरु हैं. जहां तक नक्षत्र के स्वामी की बात है, तो इसके स्वामी शनि स्वयं हैं। कर्मफल के स्वामी शनि के इस नक्षत्र में गोचर का असर यूं तो अधिकांश राशियों के लिए लाभकारी है, लेकिन इस गोचर से 3 राशियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आइए जानते हैं, ये राशियां कौन-सी हैं?
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वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि का उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में गोचर कुछ कठिनाइयाँ लेकर आ सकता है। इस समय करियर में अस्थिरता बनी रह सकती है और जो लोग नौकरी बदलने की सोच रहे हैं, उन्हें अपेक्षित अवसर नहीं मिलेंगे या गलत निर्णयों की संभावना रहेगी। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह समय मानसिक दबाव और उलझनों से भरा हो सकता है, जिससे उनकी एकाग्रता प्रभावित हो सकती है। पारिवारिक वातावरण में भी तनाव की स्थिति बन सकती है, विशेषकर संतान से जुड़े मामलों में चिंता बनी रह सकती है या कोई उम्मीद पूरी नहीं हो पाएगी।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को इस गोचर के दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि पहले से कोई पुरानी बीमारी है तो वह फिर से उभर सकती है या नई समस्याएं भी सामने आ सकती हैं। कार्यक्षेत्र में आपकी मेहनत का अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेगा, जिससे मनोबल गिर सकता है और वरिष्ठों से मतभेद होने की आशंका बनी रहेगी। आर्थिक दृष्टिकोण से भी यह समय सावधानी बरतने का है क्योंकि निवेश से नुकसान हो सकता है या धन फँस सकता है। इस दौरान खर्चों में वृद्धि भी देखने को मिल सकती है।
मकर राशि
मकर राशि के लिए भी यह गोचर चुनौतियां लेकर आ सकता है, भले ही शनि स्वगृही हो। कार्यक्षेत्र में जिम्मेदारियाँ बढ़ेंगी पर साथ ही तनाव और दबाव में भी वृद्धि होगी। जिन कार्यों को आप पूरा समझ रहे थे, वे फिर से अटक सकते हैं या बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। समाज में आपकी छवि को लेकर अफवाहें या गलतफहमियाँ पनप सकती हैं। यदि आप किसी कानूनी विवाद में हैं तो मामला और उलझ सकता है या निर्णय आपके पक्ष में नहीं आ सकता। कुल मिलाकर यह समय मानसिक और सामाजिक दोनों ही रूपों में सतर्कता बरतने का है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।