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समुद्र मंथन से निकले थे 14 रत्न, कलयुग में क्या हैं इनके संदेश व महत्व? जानिए

Samudra Manthan 14 Gemstone: विष्णु पुराण के अनुसार, जब महर्षि दुर्वासा ऋषि किसी कारण वश स्वर्ग श्रीहीन होने का श्राप दे दिया तब सभी देवता मिलकर भगवान विष्णु के पास गए। भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन का उपाय बताया और कहा कि इसमें से अमृत निकलेगा। जिसे ग्रहण करने के बाद सभी देवता अमर हो जाएंगे। लेकिन क्या आपको पता है समुद्र मंथन में अमृत के अलावा 13 और रत्न निकले थे। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Dec 13, 2023 14:49
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Samudra Manthan
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Samudra Manthan: समुद्र मंथन का जिक्र विष्णु पुराण में बड़े ही विस्तार से किया गया है। विष्णु पुराण के अनुसार, एक बार दुर्वासा ऋषि के श्राप के कारण स्वर्ग श्री हीन (धन, वैभव और ऐश्वर्य) हो गया। तब सभी देवताओं ने श्री हरी भगवान विष्णु के पास गए। देवताओं की समस्या सुन कर भगवान विष्णु ने असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन करने का उपाय बताया।

उन्होंने देवताओं से कहा कि जब समुद्र मंथन होगा तब उसमें से अमृत निकलेगा, जिसे ग्रहण कर सभी देवता अमर हो जाएंगे। सभी देवता समुद्र मंथन की बात राक्षस राज बलि को बताई, तो राक्षस राज मंथन के लिए तैयार हो गए। पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु ने वासुकी नाग को नेती (मथनी) बनने का आदेश दिया और कहा कि मंदराचल पर्वत की सहायता से समुद्र मंथन का कार्य सिद्ध होगा।

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विष्णु पुराण के अनुसार, जब समुद्र मंथन हुआ तो उससे कई सारे रत्न निकले, जिसमें उच्चैश्रवा घोड़ा, ऐरावत हाथी, भगवान धन्वन्तरि समेत अन्य 14 रत्न निकले थे। आज इस खबर में जानेंगे समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों के नाम और उनके महत्व के बारे में जानेंगे। आइए जानते हैं।

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समुद्र मंथन में निकले 14 रत्न

कालकूट विष

विष्णु पुराण के अनुसार, जब समुद्र मंथन हुआ तो सबसे पहले कालकूट विष निकला था, जिसे भगवान शिव ने ग्रहण किया।

कामधेनु गाय

माना जाता है कि समुद्र मंथन के दूसरे चरण में कामधेनु गाय निकली। कामधेनु गाय को ब्रह्मवादी ऋषियों ने ग्रहण किया था। विष्णु पुराण के अनुसार, कामधेनु गाय मन की निर्मलता का प्रतीक है।

उच्चैश्रवा घोड़ा

विष्णु पुराण के अनुसार, जब समुद्र मंथन हो रहा था तो तीसरे नंबर पर उच्चैश्रवा घोड़ा निकला जो सफेद रंग का था। माना जाता है कि उच्चैश्रवा घोड़ा को राक्षस राज बलि अपने पास रख लिए।

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ऐरावत हाथी

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान चौथे नंबर पर ऐरावत हाथी निकला जिसके चार बड़े-बड़े दांत थे। माना जाता है कि ऐरावत हाथी को देवताओं के राजा इंद्र ने अपने पास रख लिया। ऐरावत हाथी बुद्धि और उसके चार दांत मोह, वासना, क्रोध और लोभ के प्रतीक हैं।

कौस्तुभ मणि

विष्णु पुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के 5वें क्रम में कौस्तुभ मणि निकला, जिसे भगवान विष्णु ने अपने हृदय पर धारण कर लिया। मान्यता के अनुसार कौस्तुभ मणि भक्ति का प्रतीक है।

कल्पवृक्ष

पुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के छठे क्रम में कल्पवृक्ष निकला, जिसे इच्छापूर्ति करने वाला वृक्ष कहा जाता है। माना जाता है कि इस कल्पवृक्ष को देवताओं ने स्वर्ग में स्थापित कर लिया।

रंभा अप्सरा

समुद्र मंथन के सातवें चरण में रंभा नामक अप्सरा प्रकट हुईं। रंभा अप्सरा सुंदर वस्त्र व आभूषण से सुशोभित थीं, मन को मोहने वाली थीं। माना जाता है कि रंभा अप्सरा देवताओं के पास चली गईं।

लक्ष्मी माता

विष्णु पुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के आठवें चरण में माता लक्ष्मी ने प्रकट लिया था। माता लक्ष्मी को देख असुर और देवता दोनों चाहते थे कि उनके पास आ जाए लेकिन मां लक्ष्मी ने भगवान विष्णु का शरण लिया।

वारुणी देवी

पुराण के अनुसार, जब मंथन का नौवां चरण हुआ तो उसमें से वारुणी देवी निकलीं। माना जाता है कि भगवान विष्णु की सहमति से वारुणी को राक्षसों ने ले लिया। वारुणी का अर्थ मदिरा या नशा होता है।

चंद्रमा

माना जाता है समुद्र मंथन के 10वें क्रम में चंद्रमा देव निकले। मान्यता है कि उस समय चंद्रमा को भगवान शिव ने अपने मस्तक पर धारण कर लिया। चंद्रमा को शीतलता का प्रतीक माना गया है।

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पारिजात वृक्ष

विष्णु पुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के 11वें चरण में पारिजात वृक्ष प्रकट हुआ। मान्यताओं के अनुसार, पारिजात वृक्ष को छूने से शरीर की सारी थकान दूर हो जाती है।

पांचजन्य शंख

विष्णु पुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के 12वें चरण में से पांचजन्य शंख निकला। माना जाता है कि पांचजन्य शंख को भगवान विष्णु ने अपने पास रख लिया।

भगवान धन्वंतरि व अमृत कलश

समुद्र मंथन के 13वें क्रम में धंवन्तरि भगवान ने प्रकट हुए। भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत लेकर निकले। भगवान धन्वतंरि निरोगी तन व निर्मल मन के प्रतीक माने गए हैं।

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डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Written By

Raghvendra Tiwari

First published on: Dec 13, 2023 02:07 PM

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