Mangala Gauri Vrat: इन दिनों भोले भंडारी का पसंदीदा महीना सावन चल रहा है। आज सावन महीने का पांचावां मंगलवार है। इस साल अधिक मास के कारण सावन मास लगभग दो महीने का हो गया है।
सावन मास में पड़ने वाले हर एक मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत का व्रत रखा जाता है। यह व्रत माता पार्वती को समर्पित है। मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
यह व्रत महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र और पुत्र प्राप्ति के लिए करती हैं। इस दिन शिवलिंग को जल चढ़ाकर भगवान शिव का विधि-विधान से पूजन किया जाता है।
साथ ही मंगला गौरी व्रत के दौरान माता पार्वती के मंगला गौरी रूप का पूजन किया जाता है। मान्यता के मुताबिक मां मंगला गौरी प्रसन्न होकर महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं।
सावन के पांचवां मंगला गौरी व्रत पूजा विधि (Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi)
- प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी नित्य कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। स्नान के बाद साफ सुथरे और सूखे कपड़े पहन लें। मां पार्वती का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- इसके साथ ‘मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरी प्रीत्यर्थं पंचवर्ष पर्यन्तं मंगला गौरी व्रतमहं करिष्ये’ मंत्र का जाप करें।
- मां मंगला गौरी (मां पार्वती) की तस्वीर लेकर चौकी में लाल या सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर रख दें। आटे से दीपक बनाकर घी भरकर मां पार्वती के सामने जला दें। मां मंगला गौरी का षोडशोपचार पूजन करें।
- मां मंगला गौरी 16 मालाएं, लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग की सामग्री, 16 चूड़ियां तथा मिठाई अर्पण करें। 5 प्रकार के सूखे मेवे, 7 प्रकार के अनाज आदि चढ़ा दें। अब मंगला गौरी व्रत की कथा पढ़ लें।
- अंत में विधिवत आरती कर लें दिनभर व्रत रखकर एक बार अन्न ग्रहण करें। मंगला गौरी व्रत का मंत्र मां मंगला गौरी की पूजा के साथ ‘ॐ गौरी शंकराय नमः’ मंत्र का जाप करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।