Jyotish Shastra: भगवान शिव के गले का आभूषण होने की वजह से सांप को पूजनीय माना जाता है। नाग पंचमी पर तो नाग देवता की विशेष पूजा-अर्चना भी की जाती है। इसके साथ ही कई अवसरों पर सापों को दूध भी पिलाया जाता है। ऐसा करने के पीछे मान्यता यह है कि इससे कालसर्प दोष दूर हो जाते हैं। हालांकि कई लोग सांप का नाम सुनकर कांपने लगते हैं। इस सब के बीच समाज में एक मान्यता प्रचलित है कि गर्भवती महिलाओं को जहरीले सांप नहीं काटते। जिसका उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में भी किया गया है। बहरहाल हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि आखिर गर्भवती महिला को जहरीले सांप क्यों नहीं डसते, इसके पीछे पौराणिक मान्यता और वैज्ञानिक वजह क्या हैं।
गर्भवती महिला को क्यों नहीं काटते सांप ?
ब्रह्मवैवर्त पुराण 18 पुराणों में से एक है। इस महापुराण में इस बात का उल्लेख किया गया है कि आखिर गर्भवती महिलाओं को सांप क्यों नहीं डसते हैं। दरअसल इसको लेकर ब्रह्मवैवर्त पुराण में एक कथा आई है। इस कथा के अनुसार, किसी समय में एक गर्भवती महिला भगवान शिव की उपासना में लीन थीं। शिवजी की भक्ति के दौरान महिला को सापों ने परेशान करना शुरू कर दिया। अपनी मां को परेशान होता हुआ देख गर्भ में पल रहा बच्चा उस सांप को श्राप दे दिया कि वह जब भी किसी गर्भवती महिला को काटेगा, अंधा हो जाएगा। कहते हैं कि इस घटना के बाद से ही ऐसी मान्यता चली आ रही है। जो कि आज भी समाज में जीवंत है।
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वैज्ञानिक वजह क्या है ?
हालांकि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी बताए गए हैं। जिसके मुताबिक, जब महिला गर्भवती होती हैं, तो उनके शरीर में कई परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इसके साथ ही इस दौरान हार्मोन सिक्रेशन होता है, जिसकी वजह से शरीर में कई तत्वों का निर्माण होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, गर्भवती महिला के शारीरिक बदलावों को सांप दूर से भी भांप लेते हैं और उनके आसपास नहीं फटकते। हालांकि इस बात को पूरी तरह प्रमाणित नहीं किया गया है, लेकिन कई घटनाओं में ऐसा पाया देखा गया है। वैसे गर्भवती महिलाएं सांप से सचेत रहने की सलाह दी जाती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।