Saturday, 27 April, 2024

---विज्ञापन---

Janmashtami 2022: जानें भगवान कृष्ण ने कब और कैसे मृत्युलोक छोड़ ली थी समाधी ?

Janmashtami 2022: देशभर में जन्माष्टमी यानी कृष्ण कन्हैया के जन्मदिन की तैयारी जोरों है। कृष्ण जन्माष्टमी पर्व हर साल भद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि (आठवें दिन) को मनाई जाती है। मान्यता के मुताबिक कृष्ण भगवान थे और द्वापरयुग में अधर्मियों के नाश के लिए उन्होंने भगवान विष्णु के 8वें अवतार में जन्म […]

Edited By : Pankaj Mishra | Updated: Aug 18, 2022 12:53
Share :

Janmashtami 2022: देशभर में जन्माष्टमी यानी कृष्ण कन्हैया के जन्मदिन की तैयारी जोरों है। कृष्ण जन्माष्टमी पर्व हर साल भद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि (आठवें दिन) को मनाई जाती है। मान्यता के मुताबिक कृष्ण भगवान थे और द्वापरयुग में अधर्मियों के नाश के लिए उन्होंने भगवान विष्णु के 8वें अवतार में जन्म लिया था।

श्री कृष्ण के पिता का नाम वासुदेव और माता का नाम देवकी था। श्री कृष्ण ने जेल में जन्म लिया था। भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा कंश का वध कर शांति की स्थापना की! महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन के सारथि बनकर दुनिया को गीता का पाठ पढ़ाया। युधिष्ठिर को राजा बनाकर धर्म की स्थापना की।

 

और पढ़िए –Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर ऐसे करें कृष्ण कन्हैया की अराधना, पूरी होगी हर मनोकामना

 

महाभारत युद्ध में जब दुर्योधन मारा गया तब उसकी माता गांधारी ने भगवान श्री कृष्ण को श्राप देते हुए कहा, यदि तुम चाहते तो इस युद्ध को रोक सकते थे। लेकिन तुमने भाइयों को एक-दुसरे से युद्ध करने दिया। गांधारी ने क्रोध में आकर श्री कृष्ण को कहा कि तुम्हारी मृत्यु आज से 36 साल बाद एकांत में होगी और पूरा यदुवंश का नाश हो जाएगा।

भगवान कृष्ण ने मुस्कुराते हुए अपने ऊपर लगा श्राप स्वीकार कर लिया। इसके ठीक 36 साल बाद श्री कृष्ण वन में बैठे थे। तब एक शिकारी ने उन्हें अपने तीर से मार दिया। भगवान श्री कृष्ण का पूरा यदुवंश धीरे-धीरे समाप्त हो गया और द्वारिका समुंद्र में डूब गयी। आज भी द्वारिका नगरी अरबसागर के नीचे है।

मान्यता के मुताबिक एक दिन जब भगवान श्री कृष्ण वन में आराम कर रहे थे। तभी एक शिकारी ने उन्हें जानवर समझकर तीर चला दिया। जो कृष्ण सीधा जाकर भगवान कृष्ण को लगा। शिकारी को गलती का अहसास हुआ और सीधा भगवान कृष्ण के पास गया। भगवान ने उसे कहा यह निति के अनुसार ही हुआ है। भगवान कृष्ण ने इस संसार को छोड़ दिया और द्वापरयुग समाप्त हो गया।

 

और पढ़िए –Guruwar Ke Upay: गुरुवार को करें ये अचूक उपाय, दरिद्रता का होगा नाश, घर में आएगी सुख और समृद्धि

 

भगवान विष्णु के अवतार राम भगवान ने जब वन में छुपकर वानर राज बाली को मार दिया था। तब बाली की मौत से उसकी पत्नी तारा बहुत दुखी हुई थी। और उसने क्रोध में आकर राम भगवान को श्राप देते हुए कहा था की जिस प्रकार तुमने मेरे पति को छिपकर मारा है, उसी प्रकार अगले जन्म में मेरा पति तुम्हें छिपकर मारेगा।

कहा जाता है की बाली की पत्नी तारा के श्राप के कारण ही बाली ने द्वापरयुग में एक बहेलिये के घर में जन्म लिया था। उस जन्म में उसका नाम जरा था। जरा रात के समय अपने धनुष बाण से पेड़ों पर बैठे पशु-पक्षियों का शिकार करता था। जन्म से ही भगवान श्री कृष्ण के पैरों में कमल का एक निशान था जो रात में बहुत चमकता रहता था।

एक रात भगवान श्री कृष्ण नदी के तट पर एक पेड़ के नीचे बैठे हुए थे। तब उनके पैर के नीचे चमकते हुए निशान को देख बहेलिये जरा को लगा वह कोई जानवर या पक्षी है, और उसने अपना बाण चला दिया। वाण सीधे जाकर भगवान श्री कृष्ण पैर में लगी और उनकी मृत्यु हो गयी।

 

Click Here – News 24 APP अभी download करें

First published on: Aug 18, 2022 08:05 AM
संबंधित खबरें