Good Bad Omens: पूजा-पाठ के लिए अधिकांश लोग मंदिर जाते हैं। इस क्रम में वे अपने जूते-चप्पल बाहर ही उतार देते हैं, क्योंकि जूते-चप्पल पहनकर भगवान के दर्शन करना उचित नहीं माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान के दर्शन के लाभ नहीं मिलते। यही वजह है कि पूजा-पाठ और भगवान के दर्शने के लिए मंदिर जाने वाला हर व्यक्ति अपने जूते या चप्पल को बाहर ही उतार देता है। हालांकि कई बार मंदिर से बाहर खोले गए जूते-चप्पल गुम हो जाते है, जो कि बाद में लाख कोशिश करने पर भी नहीं मिलते। ऐसे में कई लोगों में यह जिज्ञासा बलवती हो जती है कि आखिर मंदिर परिसर से जूते-चप्पलों का चोरी होना क्या संकेत देता है। आइए जानते हैं, इस बारे में।
मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होना क्या देता है संकेत?
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि की साढ़ेसाती का एक चरण के दौरान व्यक्ति को पैर से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि जूते और चप्पल का शनि देव से खास संबंध है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति मंदिर में दर्शन के लिए जाता है और उस दौरान यदि जूते या चप्पल गुम हो जाते हैं तो यह शुभ संकेतक है। दरअसल मान्यता है कि जूते-चप्पलों के चोरी होने से शनि की साढ़ेसाती की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। ऐसे में अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा हो तो समझ जाएं कि बहुत जल्द आपका बुरा वक्त खत्म होने वाला है।
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मिलती है शनि देव की कृपा
वहीं ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अगर शनिवार के दिन ऐसा हो तो यह और भी शुभ संकेतक है। दरअसल शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है और इस दिन ऐसा होना शनि की शुभता का संकेतक है। ऐसे में अगर शनिवार के दिन किसी मंदिर से जूते-चप्पल चोरी हो जाए तो समझ जाएं कि आपको बहुत जल्द ही शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होने वाली है। वहीं कई लोग शनि की पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए शनिवार के दिन मंदिर के बाहर जूते या चप्पल छोड़कर आ जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रह दोष कम होने लगते हैं।
डिस्क्लेमर : यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र और सामान्य जानकारी पर आधारित है और केवल सूचनाओं के लिए दी गई है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के जानकार से जरूर सलाह लें।