Ganesh Visarjan 2023: सनातन धर्म में गणपति बप्पा को प्रथम पूज्य माना गया है। गणपति को प्रसन्न करने के लिए गणेश चतुर्थी के दिन स्थापना की जाती है। गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे 10 दिनों तक बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसके बाद 10वें दिन बड़े ही उत्साह के साथ बप्पा का विसर्जन कर दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि बप्पा का विसर्जन विधि-विधान से करने से घर में खुशहाली आती है। इसके साथ ही बप्पा का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। लेकिन क्या आपको पता है भगवान गणेश की विसर्जन करते समय कुछ नियमों का ध्यान रखा जाता है। जो जातक इन नियमों का पालन नहीं करता है, उसे हर तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तो आइए उन नियमों के बारे में जानते हैं।
गणपति विसर्जन करते समय इन बातों का रखें ध्यान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणपति के विसर्जन से पहले उन्हें विधि-विधान से पूजा की जाती है। पूजा में दूर्वा, पान और नारियल अर्पित किया जाता है। इसके साथ ही बचा हुआ सारा पूजा का सामग्री भी बप्पा के साथ ही विसर्जन कर देना चाहिए।
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गणपति विसर्जन के समय अर्पित किया हुआ नारियल को फोड़ना नहीं चाहिए, बल्कि इसे बप्पा के साथ ही प्रवाहित कर देना चाहिए।
गणेश भगवान के विसर्जन करते समय उनकी प्रतिमा को एक झटके में प्रवाहित नहीं करना चाहिए। बल्कि गणपति की प्रतिमा को धीरे-धीरे विसर्जन करना चाहिए।
यदि आप अपने घर में गणपति के प्रतिमा को विसर्जित कर रहे हैं, तो सबसे पहले आपको गणपति की मूर्ति से बड़े आकार का पात्र लेना चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे बप्पा का मूर्ति का विसर्जन करें।
विसर्जन किए हुए जल को बाहर नहीं फेंकना चाहिए, बल्कि इसे किसी गमले या पौधे की जड़ में अर्पित करना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणपति का विसर्जन करते समय भूलकर भी काले रंग के वस्त्र नहीं धारण करना चाहिए।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।