18 मई, 2025 को छाया ग्रह राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस समय ग्रहों के सेनापति मंगल कर्क राशि में विराजमान रहेंगे। कर्क राशि से कुंभ राशि आठवां भाव है, तो वहीं कुंभ राशि से कर्क राशि छठे भाव में हैं। इस प्रकार इन भावों में बैठे राहु और मंगल ग्रह के बीच षडाष्टक योग का निर्माण हो रहा है। राहु एक पापी ग्रह है, जबकि मंगल को क्रूर माना गया है। इससे इन दोनों ग्रहों के बीच एक खतरनाक षडाष्टक योग निर्मित हो रहा है।
क्यों है अशुभ षडाष्टक योग?
वैदिक ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार, कुंडली का छठा भाव और आठवां काफी अशुभ माना गया है। कुंडली का छठा भाव रिपु यानी शत्रु भाव कहलाता है। यह जीवन की चुनौतियाँ, बीमारियाँ, शत्रु और कर्ज जैसे विषयों से जुड़ा होता है। यह भाव व्यक्ति को जीवन में मिलने वाले संघर्षों और बाधाओं को दर्शाता है, इसलिए इसे अशुभ माना जाता है। वहीं, आठवां भाव मृत्यु भाव या गुप्त भाव कहा जाता है। यह आयु, आकस्मिक घटनाएं, अपमान, दुख, रहस्य, गुप्त ज्ञान और विरासत से जुड़ा होता है। यह भाव जीवन में अचानक होने वाले बदलावों और अनिश्चितता का प्रतीक है, इसलिए इसे भी अशुभ माना जाता है।
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जब इन दोनों अशुभ भावों कोई दो ग्रह विराजमान होते है और उनका आपस में जो संबंध बनता है, उससे नकारात्मक ऊर्जा और बढ़ जाती है। माना जाता है कि इससे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समस्याएं और परेशानियां पैदा होती हैं। माना जाता है कि यह योग जीवन में संघर्ष, स्वास्थ्य समस्याएं, आर्थिक नुकसान और रिश्तों में तनाव लाता है।
राहु-मंगल के षडाष्टक योग का राशियों पर असर
मई 2025 में राहु और मंगल के बीच बन रहा षडाष्टक योग 5 राशियों के लिए आर्थिक नुकसान, मानसिक तनाव और जीवन में बाधाओं का कारण बन सकता है। आपको बता दें कि राहु और मंगल के बीच बना यह 6-8 का संबंध विशेष रूप से उग्र और अशांत प्रकृति का माना जाता है, क्योंकि दोनों ग्रहों की ऊर्जा तीव्र और विस्फोटक होती है। इस योग से जीवन में अचानक उतार-चढ़ाव, विवाद, स्वास्थ्य समस्याएं और कार्यक्षेत्र में रुकावटें उत्पन्न हो सकती हैं।
कर्क राशि
2025 में राहु और मंगल के षडाष्टक योग का कर्क राशि पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इस समय राहु छठे भाव में और मंगल आठवें भाव में स्थित रहेंगे, जिससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं। खासकर पेट और रक्तचाप से जुड़ी समस्याएं उभर सकती हैं। आर्थिक मोर्चे पर भी यह समय सावधानी बरतने का है, क्योंकि लेन-देन में धोखा मिल सकता है या अचानक कोई बड़ा खर्च सामने आ सकता है। जीवनसाथी के साथ मतभेद और तनाव की स्थिति बन सकती है, इसलिए रिश्तों में संवाद बनाए रखना बेहद जरूरी होगा। निवेश के लिए यह समय प्रतिकूल है, खासतौर पर शेयर बाजार या प्रॉपर्टी से जुड़े फैसलों में धैर्य रखें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों को राहु-मंगल के षडाष्टक योग के चलते कार्यस्थल पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों के साथ मनमुटाव या बॉस से असहमति हो सकती है, जिससे आपकी प्रतिष्ठा और पद दोनों प्रभावित हो सकते हैं। स्वास्थ्य में अचानक गिरावट हो सकती है, खासकर पीठ और आंखों से जुड़ी समस्याओं के संकेत मिलते हैं। शत्रु सक्रिय रहेंगे और आपकी छोटी-सी गलती को बड़ा मुद्दा बना सकते हैं। ऐसे में सतर्क रहना ज़रूरी है। साथ ही निवेश और किसी भी तरह के बड़े फैसले लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए यह योग करियर और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों में चिंता बढ़ाने वाला हो सकता है। कार्यस्थल पर अचानक स्थिति बिगड़ सकती है। कोई प्रोजेक्ट अटक सकता है या आपकी मेहनत का श्रेय किसी और को मिल सकता है। स्वास्थ्य को लेकर विशेष रूप से सावधान रहें, खासकर जोड़ों और लीवर से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान दें। जीवनसाथी के साथ मनमुटाव हो सकता है, ऐसे में छोटी बातों को लेकर विवाद से बचें और संवाद बनाए रखें। मानसिक शांति के लिए ध्यान और योग को अपने जीवन में शामिल करना लाभकारी रहेगा।
कुंभ राशि
कुंभ राशि पर भी राहु-मंगल का षडाष्टक योग नकारात्मक असर डाल सकता है। इस दौरान आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे अनिद्रा, थकान या त्वचा संबंधित समस्याएं। आर्थिक मामलों में बहुत ही सतर्कता से कदम उठाने की आवश्यकता है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में आपके साथ कोई फ्रॉड हो सकता है। करियर में उतार-चढ़ाव रहेंगे और कार्यस्थल पर आपका धैर्य परीक्षा में डाला जाएगा। पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में भी कुछ असहमति के क्षण सामने आ सकते हैं, जिससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
मीन राशि
मीन राशि के जातक इस अवधि में अपने लक्ष्य से भटक सकते हैं। राहु और मंगल का यह योग मानसिक उलझनों और भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर सकता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो सकती है। कार्यस्थल पर वरिष्ठ अधिकारियों से मतभेद की स्थिति बन सकती है, जिससे आपकी छवि को नुकसान हो सकता है। हालांकि इस कठिन समय में धार्मिक गतिविधियों और आध्यात्मिक यात्राओं से मानसिक राहत मिल सकती है। ध्यान, पूजा-पाठ और सकारात्मक लोगों की संगति से आप इस चुनौतीपूर्ण समय को पार कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।