Dharma Karma: बहुत से लोग प्रश्न करते हैं कि भगवान को चढ़ाया गया भोग कितनी देर बाद हटा लेना चाहिए। इस प्रश्न के उत्तर में बहुत से विद्वान अलग-अलग उत्तर देते हैं। परन्तु यदि शास्त्रों या ग्रंथों की बात करें तो उनमें भी इस संबंध में अलग-अलग समाधान बताए गए हैं। हालांकि ग्रंथों में इसके लिए कई कारण भी बताए गए हैं।
शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक देवी-देवता को अलग-अलग भोग अर्पित किया जाता है। भक्त किस उद्देश्य से ईश्वर की पूजा कर रहा है, यह भी एक महत्वपूर्ण बिंदु है। उदाहरण के लिए हनुमानजी का 43 दिनों का एक तंत्रोक्त उपाय बताया गया है। इस उपाय में हनुमानजी को अर्पित किया गया प्रसाद अगले दिन तक रखा रहने दिया जाता है। इसके बाद ही उसे हटाया जाता है।
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इसी प्रकार कई उपायों में प्रसाद को भगवान के सामने एक न्यूनतम समय सीमा तक रखना होता है। उसके बाद ही उसे आप ग्रहण कर सकते हैं। ऐसा नहीं करने पर उपाय निष्फल हो जाता है, हालांकि इससे कोई दोष नहीं लगता है।
साधु-संतों की सलाह से ग्रहण करें प्रसाद (Dharma Karma)
भगवान को अर्पित किया गया प्रसाद कितनी देर बाद ग्रहण करना चाहिए, इस संबंध में साधु-संतों की बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उनके अनुसार आप जितनी देर पूजा-अर्चना करते हैं, इतनी देर तक ईश्वर के आगे भोग रखा रहने दें। पूजा तथा आरती समाप्त होने के बाद आप उस प्रसाद को ग्रहण कर सकते हैं। परन्तु यदि आपने किसी विशेष उद्देश्य से उपाय किया है तो उस उपाय के नियमों के अनुसार ही कार्य करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।