Dhanteras 2023: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आज धनतेरस का पर्व है। ऐसे में आज के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा विधि-विधान से होगी। मान्यता है कि धनतेरस के दिन ही धन्वंतरि देव समुद्र मंथन के दौरान में अमृत कलश लेकर अवतरित हुए थे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन विभिन्न प्रकार की धातुओं से बनी वस्तुएं खरीदनी चाहिए। साथ ही इस दिन भगवान धन्वंतरि की आरती भी करनी चाहिए। ताकि उत्तम स्वास्थ्य का वरदान प्राप्त हो सके। जो कोई धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की आरती और मंत्र का जाप करते हैं, उनके घर में कभी भी गरीबी नहीं आती है। आइए आज इस खबर में जानते हैं धनतेरस पर की जाने वाली आरती और धन्वंतरि देव के मंत्र।
भगवान धन्वंतरि की आरती
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।
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आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।
धन्वंतरि जी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।
भगवान धन्वंतरि के मंत्र
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वन्तरये
अमृतकलशहस्ताय सर्वभयविनाशाय सर्वरोगनिवारणाय।।
त्रैलोक्यपतये त्रैलोक्यनिधये श्रीमहाविष्णुस्वरूपाय श्रीधन्वन्तरीस्वरूपाय
श्री श्री श्री औषधचक्राय नारायणाय नमः॥
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