---विज्ञापन---

ज्योतिष

Hariyali Teej 2022: अखंड सौभाग्य के लिए हरियाली तीज पूजा के दौरान जरूर पढ़ें यह कथा, ताकि सफल हो सके आपकी पूजा

Hariyali Teej 2022: आज सुहागिन महिलाओं का पावन पर्व हरियाली तीज है। सुहागिन महिलाएं इस दिन अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन मां पार्वती के साथ-साथ भगवान शिव शंकर की पूरे विधि-विधान से पूजा अचर्ना की जाती है। सुहागिन महिलाओं के साथ-साथ कुंवारी कन्याएं भी […]

Author Edited By : Pankaj Mishra Updated: Apr 4, 2025 16:15

Hariyali Teej 2022: आज सुहागिन महिलाओं का पावन पर्व हरियाली तीज है। सुहागिन महिलाएं इस दिन अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन मां पार्वती के साथ-साथ भगवान शिव शंकर की पूरे विधि-विधान से पूजा अचर्ना की जाती है। सुहागिन महिलाओं के साथ-साथ कुंवारी कन्याएं भी मनचाहा वर प्राप्ति के लिए इस व्रत को पूरे विधि पूर्वक करती हैं। साथ ही निर्जला व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा करती हैं।

करवा चौथ व्रत की ही तरह ये व्रत भी निर्जला होता है। कहते हैं हरियाली तीज का व्रत करवा चौथ से भी ज्यादा कठिन माना जाता है, क्योंकि इसके करवा चौथ पर तो चांद देखकर व्रत का पारण करते हैं लेकिन हरियाली तीज पर पूरे दिन भूखे-प्यासे रहना होता है और अगले दिन व्रत खोला जाता है।

---विज्ञापन---

हरतालिका तीज को बेहद कठिन व्रत माना जाता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है। हरतालिका तीज के दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए निर्जला व्रत रखकर महादेव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को रखने और विधि-विधान से पूजा करने से दांपत्य जीवन सुखद होता है। पति-पत्नी के बीच अनबन दूर होती है।

हरतालिका तीज भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मान्यता के मुताबिक माता पार्वती ने शंकर भगवान को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। माता पार्वती के इस तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और इस दिन पार्वती जी की अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस दिन पूजा में हरियाली तीज की कथा जरूर पढ़नी या सुननी चाहिए, तभी व्रत सफल माना जाता है।

---विज्ञापन---

कहा जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किए। भगवान शिव ने स्वयं माता पार्वती को उनके पूर्वजन्म की कथा सुनाई थी। इसलिए हरियाली तीज पर महिलाओं को ये कथा जरूर सुननी चाहिए। इससे माता गौरी के साथ शिवजी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

हरियाली तीज व्रत कथा (Hartalika Teej Vrat Katha)

शिवजी माता पार्वती को उन्हें पूर्वजन्म का स्मरण कराते हुए कहते हैं- हे पार्वती! तुमने मुझे पति के रूप में पाने के लिए हिमालय पर कठिन तप किया था। तुमने अन्न-जल का त्याग कर सर्दी, गर्मी और बरसात जैसे सभी ऋतुओं का कष्ट सहा। यह देखकर तुम्हारे पिताजी पर्वतराज बहुत दुखी थे। एक दिन नारद मुनि तुम्हारे घर पधारे और उन्होंने तुम्हारे पिता से कहा-मैं विष्णुजी के भेजने पर आया हूं। विष्णुजी आपकी कन्या की तपस्या से प्रसन्न हुए और उनके साथ विवाह करना चाहते हैं।

नारद मुनि की बात सुनकर पिता पर्वतराज अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने नारद जी से कहा कि वे इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं और अपनी पुत्री पार्वती का विवाह भगवान विष्णु के साथ कराने के लिए तैयार हो गए। यह सुनते ही नारद मुनि भगवान विष्णु के पास पहुंचे और उन्हें सूचित किया।

भगवान शिव पार्वती से कहते हैं, लेकिन तुम्हारे पिता ने जब यह खबर तुम्हें सुनाई तो तुम्हें अत्यंत दुख हुआ। क्योंकि तुम मन से मुझे पति के रूप में स्वीकार कर चुकी थी। तब तुमने अपने मन की पीड़ा अपनी एक सखी को बताई। इस पर सखी ने तुम्हें एक घनघोर जंगल में रहने का सुझाव दिया। तुम जंगल चली गई और जंगल में तुमने मुझे प्राप्त करने के लिए खूब तपस्या की। जब तुम्हारे लुप्त होने की बात पिता पर्वतराज को पता चली तो वे अत्यंत दुखी और चिंतित हुए। वे सोचने लगे कि यदि इस बीच विष्णुजी बारात लेकर आए तो क्या होगा।

शिवजी माता पार्वती से आगे कहते हैं, तुम्हारे पिता पर्वतराज ने तुम्हारी खोज में धरती पाताल एक कर दिया। लेकिन तुम उन्हें न मिली। क्योंकि तुम एक गुफा में रेत से शिवलिंग बनाकर मेरी आराधना करने में लीन थी। तब मैं तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न हुआ और तुम्हारी मनोकामना पूरी करने का तुम्हें वचन दिया। इस बीच तुम्हारे पिता भी ढूंढते हुए गुफा तक पहुंचे। तुमने अपने पिता को सारी बाते बताई। तुमने पिता को बताया कि तुमने अपना जीवन शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए तप में बिताया है और आज वह तपस्या सफल हो गई। तुमने पिता से कहा कि मैं आपके साथ तभी चलूंगी जब आप मेरा विवाह शिवजी से कराएंगे।

पर्वतराज मान गए और उन्होंने विधि-विधान से हमारा विवाह कराया। शिवजी कहते हैं, हे पार्वती! तुमने तो कठोर तप किया है उसी के फलस्वरूप हमारा विवाह हुआ। इसलिए जो स्त्री इस व्रत को निष्ठापूर्वक करती है उसे मैं मनवांछित फल देता हूं। इस व्रत को करने वाली हर स्त्री को तुम जैसे अचल सुहाग की प्राप्ति हो।

HISTORY

Edited By

Pankaj Mishra

Edited By

Manish Shukla

Edited By

Pankaj Mishra

First published on: Jun 03, 2021 06:40 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें