Chanakya Niti: प्राचीन भारत के महानतम राजनीतिज्ञों में एक आचार्य चाणक्य ने सुखी जीवन जीने के लिए कई सूत्र बताए हैं। इनमें उन्होंने बताया है कि किस तरह एक आम व्यक्ति अपनी सूझबूझ से तमाम मुसीबतों से मुक्त हो सकता है।
यह कहते हैं आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti)
चाणक्य नीति के एक श्लोक में वह कहते हैं कि व्यक्ति को चार जगहों पर कभी लज्जा नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना उसके जीवन के लिए घातक हो सकता है। वह अपने श्लोक में कहते हैं
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धनधान्यप्रयोगेषु विद्या संग्रहेषु च
आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्ज: सुखी भवेत्।।
अर्थात मनुष्य को कभी भी धन, धान्य के प्रयोग, विद्या ग्रहण, भोजन तथा नींद में किसी भी प्रकार का संकोच नहीं करना चाहिए। स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो व्यक्ति को अपने धन और संपदा का प्रयोग करने में कभी नहीं झिझकना चाहिए। इसी प्रकार नई विद्या सीखने में भी तुरंत तत्पर रहना चाहिए, संकोच करने पर कुछ सीख नहीं पाते हैं। भोजन करने और नींद आदि में भी संकोच करना व्यक्ति के अहितकर हो सकता है।
इस श्लोक के अलावा भी आचार्य चाणक्य ने कई अन्य बातें कही हैं जिनका पालन करके आप सुखी हो सकते हैं। चाणक्य (Chanakya Niti) के अनुसार चल कर हम सभी अपने जीवन को उन्नति की ओर ले जा सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।