बहुत जल्द छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अभी से सभी पार्टियां जिताऊ उम्मीदवारों की खोज में जुट गई है। जहां अन्य पार्टियां चुनाव प्रत्याशी चुनने के लिए उम्मीदवार को काम, सार्वजनिक इमेज, शैक्षणिक योग्यताएं, उनकी समाज में पकड़, वरिष्ठ नेताओं की पहचान और जातीय समीकरणों को ध्यान रख रही हैं वहीं भाजपा एक कदम आगे बढ़ गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने जिताऊ उम्मीदवारों की पहचान के लिए भाग्य की गणना को भी अपनी स्कोरिंग लिस्ट में शामिल कर लिया है। यानि किसी भी उम्मीदवार को टिकट देने से पहले उनकी जन्मकुंडली जांची जा रही है। इसके लिए बड़े पैमाने पर ज्योतिषीयों से सलाह-मशविरा भी किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में यह फॉर्मूला देश के अन्य राज्यों में होने वाले चुनावों में भी आजमाया जाएगा।
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यूपी में किया गया था पहली बार प्रयोग
बीजेपी के अंदरुनी सूत्रों के अनुसार उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में पहली बार उम्मीदवारों की जन्मकुंडली जांचने का काम शुरु किया गया है। वहां यह प्रयोग सफल रहा और यूपी में पार्टी को उम्मीद से अधिक सीटों पर विजयश्री प्राप्त हुई। अब छत्तीसगढ़ में इस तरीके को आजमाया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा पैनल्स भी तैयार किए जा रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का पैनल सभी सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों के नाम शॉर्टलिस्ट कर रहा है। इसके बाद शॉर्टलिस्ट किए गए इन दावेदारों की जन्मकुंडली ज्योतिषियों को दिखाई जा रही है। जब ज्योतिषी उनके नाम फाइनल कर देंगे, तभी उन्हें टिकट मिल सकेगा।
जन्मकुंडली के साथ-साथ इन बातों को भी देखा जाएगा
भाजपा का पैनल टिकट के दावेदारों की हिस्ट्री भी देख रहे हैं। उनका काम कैसा रहा है, अपने क्षेत्र में उनका प्रभाव कितना है, उनकी इमेज कैसी है, धार्मिक और जातीय समीकरणों में ये दावेदार कितने खऱे उतरते हैं, इन बातों को भी टिकट देने के पहले देखा जा रहा है।