Aaj Ka Panchang 5 May 2026: आज 5 मई, 2025 को वैशाख माह का तेईसवां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 13 घंटे 21 मिनट 41 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 10 घंटे 37 मिनट 32 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का पूर्वार्ध काल है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 5 मई के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज के राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है, जो 5 मई की 07:35 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी। अष्टमी तिथि एक जया तिथि है, जिसके स्वामी भगवान शिव हैं और इसका स्वभाव संघर्षपूर्ण है। लेकिन, यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।
नक्षत्र: आज अश्लेषा नक्षत्र 5 मई की 02:01 PM तक व्याप्त रहेगी है। यह एक शुभ नक्षत्र नहीं है। इसके बाद मघा नक्षत्र शुरू होगी, यह भी शुभ नक्षत्र नहीं है।
दिन/वार: आज दिन सोमवार है, जो भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन शिवजी की पूजा, व्रत और अभिषेक का विशेष महत्व होता है। इसके साथ ही, सोमवार को नवग्रहों में चंद्रदेव को समर्पित दिन माना जाता है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
योग: आज दिन भर वृद्धि योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग नहीं है और यह मई की 12:20 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद ध्रुव योग की शुरुआत होगी।
इसके साथ ही, आज रवि योग जैसे विशेष योग बन रहे हैं। इससे यह दिन खास बन गया है। इन योगों की अवधि को आप नीचे की शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं?
करण: आज 07:35 AM तक बव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद बालव करण की शुरुआत होगी, जो 08:01 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद कौलव करण की शुरुआत होगी।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन पांच अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य मेष राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी मंगल हैं।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी चंद्रमा स्वयं हैं।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:12 AM से 04:55 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:33 AM से 05:37 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:51 AM से 12:45 PM
विजय मुहूर्त: 02:32 PM से 03:25 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:58 PM से 07:19 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:59 PM से 08:03 PM
अमृत काल: 12:20 PM से 02:01 PM
निशिता मुहूर्त: 11:56 PM से 12:39 AM, मई 06
रवि योग: 02:01 PM से 05:36 AM, मई 06
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 08:58 AM से 10:38 AM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
राहुकाल: 07:17 AM से 08:58 AM
यमगण्ड: 10:38 AM से 12:18 PM
दुर्मुहूर्त काल: 12:45 PM से 01:38 PM और 03:25 PM से 04:18 PM
गुलिक काल: 01:58 PM से 03:38 PM
विष घटी/वर्ज्य काल: 02:56 AM, मई 06 से 04:40 AM, मई 06
गण्ड मूल: यह आज पूरे दिन व्याप्त रहेगा।
4 मई 2026 के पर्व और त्योहार
आज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है और दिन सोमवार है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। सोमवार का दिन हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन शिवजी की कृपा प्राप्त करने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए विशेष महत्व रखता है। इसके साथ ही सोमवार का संबंध नवग्रहों में चंद्रदेव से है, जो मन और भावनाओं के कारक माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिवजी की उपासना करने से मन की शांति, सौभाग्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पूर्व दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनाई जा सकती हैं।
पंचांग के पांच प्रमुख अंग
पंचांग के पांच मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं:
वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।
तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।
नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।
योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।
करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।
पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News26 इसकी पुष्टि नहीं करता है।