Aaj Ka Panchang 4 March 2025: आज 4 मार्च, 2025 को फाल्गुन माह का 20वां दिन है यानी आज इस माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 39 मिनट 50 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 19 मिनट 04 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 4 मार्च के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है, जो 4 मार्च के 03:16 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद षष्ठी तिथि शुरु हो जाएगी। पंचमी तिथि एक पूर्णा तिथि है, जिसकी स्वामी नागदेव हैं और इस दिन का स्वभाव लक्ष्मीप्रद होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।
नक्षत्र: आज दिन भर भरणी नक्षत्र व्याप्त रहेगी, जो 5 मार्च की 02:37 AMतक कायम रहेगी। इसके बाद कृत्तिका नक्षत्र शुरू होगी। भरणी और कृत्तिका दोनों ही अशुभ नक्षत्र माने गए हैं।
दिन/वार: मंगलवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन को मुख्य रूप से हनुमान जी की उपासना के लिए समर्पित माना जाता है। इसके साथ ही, मंगलवार को नवग्रहों के सेनापति मंगल देव का दिन भी माना जाता है। इस दिन मंगल ग्रह की अनुकूलता और शांति के लिए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और उपाय किए जाते हैं।
योग: आज पूरे दिन इंद्र योग व्याप्त रहेगा, जो 5 मार्च की 02:07 AMतक व्याप्त रहेगा। इसके बाद वैधृति योग की शुरुआत होगी। इंद्र एक शुभ योग हैं, वहीं वैधृति एक अशुभ योग है।
इसके साथ ही आज सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग भी बन रहा है, जिससे यह दिन खास बन गया है। इन दोनों शुभ योगों की अवधि को आप नीचे शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं।
करण: आज 03:16 PM तक बालव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद कौलव करण की शुरुआत होगी, जो 5 मार्च की 02:01 AMतक व्याप्त रहेगी। इसके बाद तैतिल करण आरंभ हो जाएगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज मेष राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी मंगलदेव हैं।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 05:04 AMसे 05:54 ए एम
प्रातः सन्ध्या: 05:29 AMसे 06:43 ए एम
अभिजित मुहूर्त: 12:10 PM से 12:56 PM
विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:16 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:20 PM से 06:45 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:23 PM से 07:37 PM
अमृत काल: 10:12 PM से 11:40 PM
निशिता मुहूर्त: 12:08 ए एम, मार्च 05 से 12:57 ए एम, मार्च 05
सर्वार्थ सिद्धि योग: 02:37 ए एम, मार्च 05 से 06:42 ए एम, मार्च 05
रवि योग: 06:43 AMसे 06:49 PM और 02:37 ए एम, मार्च 05 से 06:42 ए एम, मार्च 05
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 03:28 PM से 04:55 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 09:38 AMसे 11:05 ए एम
गुलिक काल: 12:33 PM से 02:00 PM
विष घटी/वर्ज्य काल: 01:21 PM से 02:49 PM
दुर्मुहूर्त काल: 09:03 AMसे 09:50 AMऔर 11:18 PM से 12:08 ए एम, मार्च 05
ज्वालामुखी योग: आज एक विशेष अशुभ योग बन रहा है, ये है ज्वालामुखी योग, जो 06:43 AM से 03:16 PM तक प्रभावी रहेगा।
4 मार्च 2025 के पर्व और त्योहार
आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और दिन मंगलवार है। मंगलवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। मंगलवार को संकटमोचन हनुमान जी की आराधना अत्यंत शुभ मानी जाती है। उनकी पूजा करने से भय, शारीरिक कष्ट और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इसके साथ ही मंगलवार को नवग्रहों के सेनापति मंगल देव की पूजा का भी विशेष महत्व है। मंगल शांति के लिए हनुमान जी की उपासना के साथ-साथ मंगल स्तोत्र का पाठ किया जाता है।
स्कंद षष्ठी व्रत: स्कंद षष्ठी व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय यानी स्कंद या मुरुगन स्वामी को समर्पित है। मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान स्कंद के पूजन से रोग, शोक, दुख और दरिद्रता का निवारण होता है।
आज की यात्रा टिप्स: आज उत्तर दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफल और समृद्ध बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुसार चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बनाई जा सकती हैं। पंचांग के पाँच प्रमुख अंग- वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण का ध्यान रखकर यदि महत्वपूर्ण कार्य किए जाएं, तो सफलता और समृद्धि के अवसर बढ़ जाते हैं। हिंदू संस्कृति में शुभ कार्यों जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा आदि। इन कार्यों को पंचांग के अनुसार करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
जीवन में पंचांग की भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त बताने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारी निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है। इससे व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।