Aaj Ka Panchang 30 March 2025: आज 30 मार्च, 2025 को चैत्र माह का सोलहवां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 12 घंटे 24 मिनट 29 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 11 घंटे 34 मिनट 21 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 30 मार्च के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज के राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है, जो 30 मार्च की 12:49 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि शुरु हो जाएगी। प्रतिपदा तिथि एक नंदा तिथि है, जिसके स्वामी अग्निदेव हैं और इस दिन का स्वभाव वृद्धिप्रद होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत नहीं है।
नक्षत्र: आज दिन भर रेवती नक्षत्र कायम रहेगी, जो 30 मार्च की 04:35 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद अश्विनी नक्षत्र शुरू होगी। ये दोनों ही नक्षत्र शुभ नक्षत्र हैं।
दिन/वार: आज रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है, जिन्हें नवग्रहों का स्वामी माना जाता है। इस दिन सूर्यदेव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करने से विशेष लाभ और फल की प्राप्ति होती है।
योग: आज दिन भर इंद्र योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग है और यह 30 मार्च की 05:54 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद वैधृति योग की शुरुआत होगी, यह एक अशुभ योग है।
इसके साथ ही, आज सर्वार्थ सिद्धि योग जैसा विशेष योग बन ररा है। इससे यह दिन खास बन गया है। इन योगों की अवधि को आप नीचे की शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं?
करण: आज 12:49 PM तक बव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद बालव करण की शुरुआत होगी, जो 30 मार्च की 10:59 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद कौलव करण की शुरुआत होगी।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। वे इस राशि में 04:35 PM तक रहेंगे, फिर मेष राशि में प्रविष्ट हो जाएंगे।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:41 AM से 05:27 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:04 AM से 06:13 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:01 PM से 12:50 PM
विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:19 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:37 PM से 07:00 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:38 PM से 07:47 PM
अमृत काल: 02:28 PM से 03:52 PM
निशिता मुहूर्त: 12:02 AM, मार्च 31 से 12:48 AM, मार्च 31
सर्वार्थ सिद्धि योग: 04:35 PM से 06:12 AM, मार्च 31
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 05:05 PM से 06:38 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 12:26 PM से 01:59 PM
गुलिक काल: 03:32 PM से 05:05 PM
दुर्मुहूर्त: 04:59 PM से 05:48 PM
गंडमूल: आज पूरे दिन गंडमूल व्याप्त रहेगा।
पंचक: 06:13 AM से 04:35 PM
30 मार्च 2025 के पर्व और त्योहार
आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है और दिन रविवार है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इसे ग्रहों के स्वामी और धरती पर ऊर्जा और प्रकाश में महान स्रोत भगवान सूर्य को समर्पित माना जाता है। रविवार के दिन सूर्यदेव की उपासना करने से मान-सम्मान, स्वास्थ्य और ऊर्जा में वृद्धि होती है।
रविवार के दिन सूर्यदेव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। रविवार का व्रत रखने से आत्मसंयम और आंतरिक शुद्धि में वृद्धि होती है। इस दिन दान करने से पुण्य फल मिलता है और सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में सुख-समृद्धि तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।
हिन्दू नववर्ष/गुड़ी पड़वा/उगादि: हिन्दू नववर्ष, जिसे चैत शुक्ल प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है, पूरे भारत में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर भारत और राजस्थान में महत्वपूर्ण होता है। गुड़ी पड़वा हिन्दू नववर्ष का त्योहार है, जो महाराष्ट्र, कर्नाटक, और गोवा में विशेष रूप से मनाया जाता है। वहीं, दक्षिण भारत के कर्नाटका, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हिन्दू नववर्ष उगादि के रूप मनाया जाता है।
चैत्र नवरात्रि: हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होती है और नवमी तिथि तक चलती है। मां दुर्गा की पूजा के लिए प्रसिद्ध है, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बनाई जा सकती हैं।
पंचांग के 5 प्रमुख अंग
पंचांग के 5 मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं:
वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।
तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।
नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।
योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।
करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।
पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News30 इसकी पुष्टि नहीं करता है।