---विज्ञापन---

ज्योतिष

Aaj Ka Panchang: आज चैत्र अमावस्या पर जानिए 29 मार्च के पंचांग का शुभ योग और राहु काल

Aaj Ka Panchang: आज 29 मार्च, 2025 को चैत्र मास की अमावस्या तिथि है। आइए जानते हैं, 29 मार्च का पंचांग क्या है, कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने वाला है, किस दिशा में यात्रा करना अशुभ है और आज का राहु काल कब से कब तक है?

Author Edited By : Shyam Nandan Updated: Mar 29, 2025 21:48
Panchang-29-march-2025

Aaj Ka Panchang 29 March 2025: आज 29 मार्च, 2025 को चैत्र माह के कृष्ण पक्ष का पंद्रहवां दिन है और आज इस माह की अमावस्या तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 12 घंटे 22 मिनट 47 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 11 घंटे 36 मिनट 03 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 29 मार्च के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज के राहु काल का समय क्या है?

---विज्ञापन---

आज का पंचांग

तिथि: आज चैत्र मास की अमावस्या तिथि है, जो 29 मार्च की 04:27 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरु हो जाएगी। अमावस्या तिथि एक पूर्णा तिथि है, जिसके स्वामी पितृदेव हैं और इस दिन का स्वभाव अंधकार-युक्त होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत नहीं है।

नक्षत्र: आज दिन भर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र कायम रहेगी, जो 29 मार्च की 07:26 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद रेवती नक्षत्र शुरू होगी। ये दोनों ही नक्षत्र शुभ नक्षत्र हैं।

---विज्ञापन---

दिन/वार: आज दिन शनिवार है, जो बजरंग बली हनुमान जी और भगवान शनिदेव की आराधना का विशेष दिन माना गया है।

योग: आज दिन भर ब्रह्म योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग है और यह 29 मार्च की 10:04 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद इंद्र योग की शुरुआत होगी, यह भी एक शुभ योग है।

करण: आज 04:27 PM तक नाग करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद किंस्तुघ्न करण की शुरुआत होगी, जो 30 मार्च की 02:39 AM व्याप्त रहेगी। इसके बाद बव करण की शुरुआत होगी।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं।

चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी देवगुरु बृहस्पतिहैं। 

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 04:42 AM से 05:28 AM

प्रातः सन्ध्या: 05:05 AM से 06:15 AM

अभिजित मुहूर्त: 12:01 PM से 12:51 PM

विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:19 PM

गोधूलि मुहूर्त: 06:36 PM से 06:59 PM

सायाह्न सन्ध्या: 06:37 PM से 07:47 PM

अमृत काल: 03:11 PM से 04:36 PM

निशिता मुहूर्त: 12:02 AM, मार्च 30 से 12:49 AM, मार्च 30

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल 09:20 AM से 10:53 AM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

यमगण्ड: 01:59 PM से 03:32 PM

आडल योग: 07:26 PM से 06:13 AM, मार्च 30

दुर्मुहूर्त: 06:15 AM से 07:04 AM और 07:04 AM से 07:54 AM

गुलिक काल: 06:15 AM से 07:47 AM

वर्ज्य: 06:40 AM से 08:05 AM और 06:01 AM, मार्च 30 से 07:25 AM, मार्च 30

पंचक: आज पूरे दिन पंचक व्याप्त रहेगा।

29 मार्च 2025 के पर्व और त्योहार

आज चैत्र मास की अमावस्या तिथि है और दिन शनिवार है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इसे कर्मफल दाता शनिदेव को समर्पित माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि शनिदेव मनुष्य के अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं, इसलिए इस दिन उनका पूजन एवं व्रत करना अत्यंत लाभकारी होता है।

इसके साथ ही, शनिवार का दिन बजरंगबली हनुमान जी की आराधना के लिए भी शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार, हनुमान जी की भक्ति करने से शनि ग्रह के प्रभाव से उत्पन्न कष्टों से मुक्ति मिलती है। स्वयं शनिदेव ने हनुमान जी को यह वचन दिया था कि जो भी उनकी उपासना करेगा, उसे वे कोई कष्ट नहीं देंगे।

शनि अमावस्या: शनि अमावस्या की तिथि शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए विशेष रूप से शुभ तिथि मानी गई है। इस दिन धर्म-कर्म के कार्यों से पितरों के साथ शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं।

आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बनाई जा सकती हैं।

पंचांग के 5 प्रमुख अंग

पंचांग के 5 मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं: 

वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।

तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।

नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।

योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।

करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।

शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।

पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News29 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Edited By

Shyam Nandan

Edited By

Shyam Nandan

First published on: Mar 28, 2025 10:44 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें