Aaj Ka Panchang 20 June 2025: आज 20 जून, 2025 को आषाढ़ माह का नौवां दिन है और आज इस माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 13 घंटे 58 मिनट 11 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 10 घंटे 2 मिनट 1 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु काल है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 20 जून के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज के राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि
आज आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है, जो 20 जून की 09:49 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि शुरू हो जाएगी।
नवमी तिथि एक रिक्ता तिथि है, जिसका स्वामित्व मां दुर्गा के पास है और इस तिथि का स्वभाव आक्रामक होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत नहीं है।
नक्षत्र
आज दिन की शुरुआत रेवती नक्षत्र से होगी, जो 20 जून की 09:45 PM तक रहेगी है। यह एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद अश्विनी नक्षत्र आरंभ होगी।
दिन/वार
आज दिन शुक्रवार है और आज का दिन देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता सहित सभी देवी स्वरूपों और दैत्यगुरु शुक्राचार्य को समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से धन संबंधी उपायों और शुक्र ग्रह की शांति के लिए शुभ माना जाता है।
योग
आज दिन की शुरुआत शोभन योग से होगी, जो 20 जून की 11:47 PM तक व्याप्त रहेगी, यह शुभ योग है। इसके बाद अतिगंड योग की शुरुआत होगी।
इसके साथ ही, आज सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग जैसे विशेष योग बन रहे हैं। इससे यह दिन खास बन गया है। इन योगों की अवधि को आप नीचे की शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं।
करण
आज 09:49 AM तक गर करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद वणिज करण की शुरुआत होगी, जो 20 जून की 08:36 PM तक व्याप्त रहेगा। इसके बाद विष्टि करण शुरू होगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन पांच अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी बुध ग्रह हैं।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी गुरु बृहस्पति हैं। वे इस राशि में 09:45 PM तक ही रहेंगे और फिर मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:03 AM से 04:44 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:23 AM से 05:24 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:55 AM से 12:51 PM
विजय मुहूर्त: 02:42 PM से 03:38 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:20 PM से 07:41 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:22 PM से 08:22 PM
अमृत काल: 07:30 PM से 09:00 PM
निशिता मुहूर्त: 12:03 AM, जून 21 से 12:43 AM, जून 21
सर्वार्थ सिद्धि योग: यह पूरे दिन व्याप्त रहेगा।
अमृत सिद्धि योग: 05:24 AM से 09:45 PM
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 02:07 PM से 03:52 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
राहुकाल: 10:38 AM से 12:23 PM
यमगण्ड: 03:52 PM से 05:37 PM
गुलिक काल: 07:08 AM से 08:53 AM
विष घटी/वर्ज्य काल: 10:31 AM से 12:00 PM
दुर्मुहूर्त काल: 08:11 AM से 09:07 AM और 12:51 PM से 01:47 PM
गण्ड मूल: यह पूरे दिन व्याप्त रहेगा।
मधुसर्पिष: 09:49 AM से 09:45 PM
भद्रा काल: 08:36 PM से 05:24 AM, जून 21
पंचक: 05:24 AM से 09:45 PM
20 जून 2025 के पर्व और त्योहार
आज आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है और आज दिन शुक्रवार है। हिन्दू धर्म में शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता सहित सभी देवी स्वरूपों और शुक्र ग्रह को समर्पित माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है, क्योंकि वे धन, वैभव और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। इसके साथ ही, इस दिन मां दुर्गा और मां संतोषी की उपासना और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख-शांति प्राप्त होती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनाई जा सकती हैं।
पंचांग के पांच प्रमुख अंग
पंचांग के पांच मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं:
वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।
तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।
नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।
योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।
करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।
पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।