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ज्योतिष

Aaj Ka Panchang: महेश नवमी पर जानिए आज 4 जून के पंचांग का शुभ योग और राहु काल

Aaj Ka Panchang: आज 4 जून, 2025 को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। आइए जानते हैं, 4 जून का पंचांग क्या है, कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने वाला है, किस दिशा में यात्रा करना अशुभ है और आज का राहु काल कब से कब तक है?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shyamnandan Updated: Jun 4, 2025 15:34
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Aaj Ka Panchang 4 June 2025: आज 4 जून, 2025 को ज्येष्ठ माह का चौबीसवां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 13 घंटे 52 मिनट 57 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 10 घंटे 6 मिनट 54 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु काल है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 4 जून के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज के राहु काल का समय क्या है?

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आज का पंचांग

तिथि

आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है, जो 4 जून की 11:54 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि शुरू हो जाएगी।

नवमी तिथि एक रिक्ता तिथि है, जिसकी स्वामिनी मां दुर्गा हैं और इसका स्वभाव आक्रामक है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत न नहीं है।

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नक्षत्र

आज पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र है, जो 5 जून की 03:35 AM तक व्याप्त रहेगी है। यह एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद हस्त नक्षत्र शुरू होगी, यह भी एक शुभ नक्षत्र है।

दिन/वार

बुधवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन को मुख्य रूप से भगवान गणेश की उपासना के लिए समर्पित माना जाता है। इसके साथ ही, बुधवार को ग्रहों के राजकुमार बुध का दिन भी माना जाता है। इस दिन बुध ग्रह की अनुकूलता और शांति के लिए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और उपाय किए जाते हैं।

योग

आज वज्र योग है, जो 4 जून की 08:09 AM तक व्याप्त रहेगा, यह एक शुभ योग नहीं है। इसके बाद सिद्धि योग की शुरुआत होगी।

इसके साथ ही, आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे विशेष योग बन रहे हैं। इससे यह दिन खास बन गया है। इन योगों की अवधि को आप नीचे की शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं।

करण

आज 10:51 AM तक बालव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद कौलव करण की शुरुआत होगी, जो 4 जून की 11:54 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद तैतिल करण शुरू होगा।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन पांच अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शुक्र ग्रह हैं।

चन्द्र गोचर: चंद्रमा सिंह राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी सूर्य हैं। वे इस राशि में 07:35 AM तक ही रहेंगे और फिर कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 04:02 AM से 04:43 AM

प्रातः सन्ध्या: 04:22 AM से 05:23 AM

अभिजित मुहूर्त: आज कोई मुहूर्त नहीं है।

विजय मुहूर्त: 02:38 PM से 03:34 PM

गोधूलि मुहूर्त: 07:15 PM से 07:35 PM

सायाह्न सन्ध्या: 07:16 PM से 08:17 PM

अमृत काल: 07:36 PM से 09:23 PM

निशिता मुहूर्त: 11:59 PM से 12:40 AM, जून 05

सर्वार्थ सिद्धि योग: 03:35 AM, जून 05 से 05:23 AM, जून 05

रवि योग: यह पूरे दिन व्याप्त रहेगा।

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल 12:20 PM से 02:04 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

यमगण्ड: 07:07 AM से 08:51 AM

गुलिक काल: 10:35 AM से 12:20 PM

दुर्मुहूर्त काल: 11:52 AM से 12:47 PM

विष घटी/वर्ज्य काल: 08:58 AM से 10:44 AM

4 जून 2025 के पर्व और त्योहार

आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है और दिन बुधवार है। बुधवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। बुधवार को विघ्नहर्ता गणेश की आराधना अत्यंत शुभ मानी जाती है। उनकी पूजा करने से कामकाज की बाधाएं, जीवन के विघ्न, भय, शारीरिक कष्ट और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इसके साथ ही बुधवार को ग्रहों के राजकुमार बुध देव की पूजा का भी विशेष महत्व है।

महेश नवमी: ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जानते वाला पर्व महेश नवमी पर्व भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। यह माहेश्वरी समुदाय के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है।

आज की यात्रा टिप्स: आज उत्तर दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनाई जा सकती हैं।

पंचांग के पांच प्रमुख अंग

पंचांग के पांच मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं: 

वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।

तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।

नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।

योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।

करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।

शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।

पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 03, 2025 10:26 PM

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