Aaj Ka Panchang 30 May 2025: आज 30 मई, 2025 को ज्येष्ठ माह का उन्नीसवां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 13 घंटे 49 मिनट 28 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 10 घंटे 10 मिनट 16 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु काल है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 30 मई के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज के राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि
आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है, जो 30 मई की 09:22 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शुरू हो जाएगी।
चतुर्थी तिथि एक रिक्ता तिथि है, जिसके स्वामी भगवान गणेश हैं और इसका स्वभाव खलप्रद है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत नहीं है।
नक्षत्र
आज पुनर्वसु नक्षत्र है, जो 30 मई की 09:29 PM तक व्याप्त रहेगी है। यह एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद पुष्य नक्षत्र शुरू होगी, यह भी एक शुभ नक्षत्र है।
दिन/वार
दिन/वार: आज शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता सहित सभी देवी स्वरूपों और दैत्यगुरु शुक्राचार्य को समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से धन संबंधी उपायों और शुक्र ग्रह की शांति के लिए शुभ माना जाता है।
योग
आज गंड योग है, जो 30 मई की 12:57 PM तक व्याप्त रहेगा, यह एक शुभ योग नहीं है। इसके बाद वृद्धि योग की शुरुआत होगी, जो एक शुभ योग है।
इसके साथ ही, आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे विशेष योग बन रहे हैं। इससे यह दिन खास बन गया है। इन योगों की अवधि को आप नीचे की शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं?
करण
आज 10:14 AM तक वणिज करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद विष्टि करण की शुरुआत होगी, जो 30 मई की 09:22 पी एम तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद बव करण शुरू होगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन पांच अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शुक्र ग्रह हैं।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी बुध हैं। वे इस राशि में 03:42 PM तक ही रहेंगे और फिर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:03 AM से 04:43 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:23 AM से 05:24 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:51 AM से 12:46 PM
विजय मुहूर्त: 02:37 PM से 03:32 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:12 PM से 07:33 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:14 PM से 08:15 PM
अमृत काल: 07:12 PM से 08:43 PM
निशिता मुहूर्त: 11:58 PM से 12:39 AM, मई 31
सर्वार्थ सिद्धि योग: 05:24 AM से 09:29 PM
रवि योग: 05:24 AM से 09:29 PM
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 10:35 AM से 12:19 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 03:46 PM से 05:30 PM
गुलिक काल: 07:08 AM से 08:51 AM
दुर्मुहूर्त काल: 08:10 AM से 09:05 AM और 12:46 PM से 01:42 PM
वर्ज्य काल: 10:04 AM से 11:35 AM और 05:22 AM, मई 31 से 06:56 AM, मई 31:
भद्रा काल: 10:14 AM से 09:22 PM
30 मई 2025 के पर्व और त्योहार
आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है और दिन शुक्रवार है। आज का दिन देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता सहित सभी देवी स्वरूपों और शुक्र ग्रह को समर्पित माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है, क्योंकि वे धन, वैभव और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। इसके साथ ही, इस दिन मां दुर्गा और मां संतोषी की उपासना और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख-शांति प्राप्त होती है।
विनायक चतुर्थी: विनायक चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को श्रद्धा से मनाया जाता है। इस दिन विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा कर बाधाओं को दूर करने की कामना की जाती है। इस व्रत और पूजा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनाई जा सकती हैं।
पंचांग के पांच प्रमुख अंग
पंचांग के पांच मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं:
वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।
तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।
नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।
योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।
करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।
पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।