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Aaj Ka Panchang: आज माघ पूर्णिमा पर जानिए 12 फरवरी 2025 के पंचांग के शुभ योग, भद्रा और राहु काल

Aaj Ka Panchang 12 February 2025: आज 12 फरवरी, 2025 को माघ माह की पूर्णिमा और दिन बुधवार है। आइए जानते हैं, 12 फरवरी का पंचांग क्या है, कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने वाला है, किस दिशा में यात्रा करना अशुभ है और आज का राहु काल कब से कब तक है?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Feb 12, 2025 00:01
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Aaj Ka Panchang 12 February 2025: आज 12 फरवरी, 2025 को माघ माह का 30वां दिन है और आज इस माह की पूर्णिमा है, जिसे माघी पूर्णिमा कहते हैं। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 07 मिनट 42 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 51 मिनट 58 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह शिशिर ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 12 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?

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आज का पंचांग

तिथि: आज 12 फरवरी, 2025 को 06:55 PM तक माघ माह की पूर्णिमा तिथि है। इसके बाद फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरु हो जाएगी। पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्रमा हैं और यह एक पूर्णा तिथि होने के कारण शुभ मानी गई है। साथ ही, इस तिथि का स्वभाव भी सौम्य माना गया है।

नक्षत्र: आज 12 फरवरी को शाम के 07:35 PM तक अश्लेषा नक्षत्र का योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद मघा नक्षत्र शुरू होगा। अश्लेषा और मघा दोनों नक्षत्र सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं।

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दिन/वार: बुधवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन को विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में श्री गणेश जी बुद्धि, समृद्धि और शुभता के दाता के रूप में पूजे जाते हैं। इसके साथ ही, बुधवार का दिन नवग्रहों में बुध ग्रह को समर्पित है और विशेष रूप से बुध ग्रह की शांति और कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा और उपाय किए जाते हैं।

योग: आज शाम के 08:07 AM तक सौभाग्य योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद शोभन योग आरंभ हो जाएगा। सौभाग्य और शोभन दोनों योग सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं।

करण: आज दिन एक 07:05 AM तक विष्टि करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद बव करण की शुरुआत होगी, जो 07:22 PM तक व्यापत रहेगी और फिर बालव करण आरंभ हो जाएगा।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य मकर राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।

चन्द्र गोचर: आज चंद्रमा कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं, जो उनकी स्वराशि है और वे इस राशि में 07:35 PM तक तक रहेंगे, फिर सिंह राशि में गोचर कर जाएंगे।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 05:19 AM से 06:10 AM

प्रातः सन्ध्या: 05:45 AM से 07:02 AM

अभिजित मुहूर्त: आज अभिजित मुहूर्त नहीं है।

विजय मुहूर्त: 02:27 PM से 03:11 PM

गोधूलि मुहूर्त: 06:07 PM से 06:32 PM

सायाह्न सन्ध्या: 06:09 PM से 07:26 PM

अमृत काल: 05:55 PM से 07:35 PM

निशिता मुहूर्त: 12:09 AM, फरवरी 13 से 01:01 AM, फरवरी 13

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल 12:35 PM से 01:59 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

यमगण्ड: 08:25 AM से 09:49 AM

दुर्मुहूर्त: 12:13 PM से 12:58 PM

गुलिक काल: 11:12 AM से 12:35 PM

भद्रा: 07:02 AM से 07:05 AM

वर्ज्य: 07:55 AM से 09:35 AM 

गण्ड मूल: आज पूरे दिन इसका प्रभाव व्याप्त रहेगा।

12 फरवरी 2025 के पर्व और त्योहार

आज माघ माह की पूर्णिमा तिथि है। माघी पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। आज प्रयागराज के महाकुंभ मेले का पांचवा स्नान पर्व है। साथ ही, आज ललिता जयंती के साथ संत रविदास जयंती भी है।

बुधवार का व्रत: आज बुधवार का दिन विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में श्री गणेश को बुद्धि, समृद्धि और शुभता के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है, और उनकी कृपा से जीवन के सभी विघ्न दूर हो जाते हैं।

इसके साथ ही, बुधवार का दिन नवग्रहों में बुध ग्रह को समर्पित है, जिसे ग्रहों का राजकुमार माना जाता है। बुध ग्रह बुद्धि, तर्क, वाणी और व्यापार का कारक है। इस दिन विशेष रूप से बुध ग्रह की शांति और कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा-पाठ और दान करने का महत्व बताया गया है।

आज की यात्रा टिप्स: आज उत्तर दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं, बल्कि सफलता और समृद्धि की दिशा में मार्गदर्शन करने वाला महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसे मात्र धार्मिक परंपरा मानना इसकी वास्तविक शक्ति को कम आंकना होगा।

यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय के अनुरूप चलना सिखाता है, जिससे जीवन की बाधाएं कम होती हैं और उन्नति के मार्ग खुलते हैं। हिंदू पंचांग के 5 प्रमुख अंग—वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण—शुभ-अशुभ समय निर्धारण में सहायक होते हैं। विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, व्यवसाय प्रारंभ जैसे कार्य यदि पंचांग के अनुसार किए जाएं, तो उनकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है।

इस प्रकार, पंचांग निर्णय क्षमता को सशक्त बनाकर सही समय पर सही कदम उठाने का मार्ग दिखाता है, जिससे जीवन अधिक सुव्यवस्थित और सकारात्मक बनता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Feb 12, 2025 12:01 AM

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