---विज्ञापन---

दुनिया

निमिषा प्रिया को बचाने में भारत सरकार को क्यों आ रहीं मुश्किलें? सुप्रीम कोर्ट के सरकारी वकील ने बताई वजह

निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को यमन की राजधानी सना में फांसी दी जाएगी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद निमिषा को बचाने के सभी रास्ते बंद हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट जज विक्रम नाथ और संदीप मेहता वाली पीठ में सुनवाई के दौरान सरकार के वकील एजी वेंकटरमणी ने कहा कि निमिषा को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: Jul 14, 2025 17:58
Yemen Nurse Case, Yemen, Nimisha Priya, Nurse, Talal Abdo Mehdi, यमन नर्स केस, यमन, निमिषा प्रिया, नर्स, तलाल अब्दो मेहदी,Nimisha Priya, Nurse Nimisha Priya, Yemen, Yemen Nurse Case, Indian Grand Mufti, निमिषा प्रिया, नर्स निमिषा प्रिया, यमन, यमन नर्स केस, भारतीय ग्रैंड मुफ्ती
निमिषा प्रिया के लिए भारतीय ग्रेंड मुफ्ती ने यमन से किया अनुरोध

भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को यमन की राजधानी सना में फांसी दी जाएगी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद निमिषा को बचाने के सभी रास्ते बंद हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के जज विक्रम नाथ और संदीप मेहता वाली पीठ में सुनवाई के दौरान सरकार के वकील एजी वेंकटरमणी ने कहा कि निमिषा को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस मामले यमन की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार पर अब कुछ नहीं कर सकती है। अभी बातचीत का दौर जारी है।

जानिए भारत को क्या आ रही मुश्किलें

केरल के कोच्चि की रहने वाली निमिषा प्रिया को लेकर भारत सरकार 2020 से यमन सरकार से बात कर रही है। दरअसल 2020 में ही स्थानीय अदालत ने निमिषा को फांसी की सजा सुनाई थी। बताया जा रहा है कि भारत सरकार निमिषा को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। भारत सरकार के सामने सबसे बड़ी मुश्किल है ये कि यह विदेश का मामला है। सरकार का मानना है कि इस केस की सुनवाई विदेश में हुई है। वहां की सरकार से बात की गई है, लेकिन उन्होंने कोर्ट का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया।

---विज्ञापन---

इस्लामी कानून बना अड़चन

यमन के ज्यादातर हिस्सों पर हूतियों का कब्जा है। यहां इस्लामी कानून लागू है। इस्लाम में हत्या करने वाले को सजा के तौर पर फांसी दी जाती है। भारत सरकार ने निमिषा को बचाने के लिए हूतियों के कमांडरों से भी बातचीत की। इतना ही नहीं यमन के स्थानीय प्रभावशाली लोगों के जरिए भी बात की गई, लेकिन कुछ नहीं हो पाया। हूतियों ने साफ कहा है कि इस्लाम में हत्या की सजा फांसी है। निमिषा ने हत्या की है और उसे फांसी दी जाएगी।

यमन के राष्ट्रपति भी हूतियों से प्रभावित

भारत सरकार ने इस मामले में यमन के राष्ट्रपति से निमिषा की दया याचिका स्वीकार करने की अपील की थी। राष्ट्रपति ने भारत सरकार की अपील को दरकिनार करते हुए निमिषा की दया याचिका को स्वीकार नहीं किया। दरअसल, यमन राष्ट्रपति हूतियों के प्रभाव में है। वह चाहकर भी इस मामले में हूतियों से पंगा नहीं ले सकते हैं। यही वजह है कि उन्होंने निमिषा की दया याचिका मंजूर नहीं किया।

---विज्ञापन---

निमिषा के परिजनों से भी की बात

भारत सरकार ने इस केस को लेकर निमिषा की मां और पति से भी बात की थी। केस की पूरी जानकारी लेने पर पता चला कि निमिषा ने अपने बिजनेस पार्टनर की हत्या की है। निमिषा ने किस परिस्थिति में ऐसा किया। इसे लेकर भारत सरकार ने यमन को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। यमन ने भारत सरकार के इस तर्क पर बात करने से इनकार कर दिया। यमन ने साफतौर पर कह दिया कि निमिषा ने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महेदी की हत्या की है और उसे फांसी दी जाएगी।

First published on: Jul 14, 2025 04:01 PM