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ईरान को अमेरिका का तगड़ा झटका, एक अरब डॉलर के तेल व्यापार पर लगा दिए नए प्रतिबंध

Sanctions on Iran Oil Industry: अमेरिका ने ईरान के तेल व्यापार पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। इस बार अमेरिका ने ईरान के रेवेन्यू सोर्स को टारगेट किया है। इसके लिए अमेरिका ने ईरान को तेल व्यापार के लिए फंडिंग करने वाले हिजबुल्लाह के बैंक नेटवर्क को बाधित किया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jul 4, 2025 08:14
Iran Oil Industry | Iran | America
ईरान तेल व्यापार करके करीब एक अरब डॉलर का बिजनेस कर रहा है।

America Sanctions on Iran: अमेरिका ने ईरान के करीब एक अरब डॉलर के तेल व्यापार पर एक बार फिर प्रतिबंध लगाए हैं। ईरान के तेल व्यापार को हिजबुल्लाह से मिलने वाली आर्थिक मदद पर प्रतिबंध लगाया है। अमेरिका ने ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों की जानकारी दी। ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने बताया कि ईरान के साथ न्यूक्लियर डील पर बातचीत करने से पहले तेल व्यापार के लिए मिलने वाली आर्थिक मदद को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं। अमेरिका जानता है कि ईरान को तेल व्यापार करने के लिए हिजबुल्लाह पैसा देता है, लेकिन हिजबुल्ला ईरान से तेल लेकर उसे ईराक का तेल बताकर आगे सप्लाई करता है।

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हिजबुल्लाह की वित्तीय संस्था ऐसे कमाती मुनाफा

ट्रेजरी सचिव ने बताया कि अमेरिका को हिजबुल्लाह के कंट्रोल वाली वित्तीय संस्था अल-क़र्द अल-हसन के बारे में पता चला है, जिसके अधिकारियों ने लाखों डॉलर के लेन-देन किया है, जिससे हिजबुल्लाह का फायदा हो रहा है। यह संस्था ईराक के बिजनेसमैन सलीम अहमद सईद की कंपनियां के मुनाफा कमा रही है। हिजबुल्लाह की यह संस्था सलीम की कंपनियों को फंडिंग करती है। सलीम की कंपनियां साल 2020 से ईरान से तेल खरीद रही है और उसे ईराक के तेल में मिलाकर अरबों डॉलर का मुनाफा कमा रहा है। ईरान से कच्चे तेल की इस खरीद फरोख्त का सीधा फायदा हिजबुल्लाह को हो रहा है, लेकिन अमेरिका ऐसा होने नहीं देगा।

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प्रतिबंधों से ईरान को होगा यह नुकसान

ट्रेजरी सचिव ने कहा कि अमेरिका ईरान के रेवेन्यू सोर्स को टारगेट करता रहेगा, ताकि ईरान के रेवेन्यू में कटौती हो और देश में क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा मिले। ऑयल सपलाई करने वाले कई जहाज भी प्रतिबंधित किए हैं, जो सीक्रेट तरीके से ईरान के स्मगल ऑयल को तस्करों तक तेल पहुंचाते हैं। इसलिए अमेरिका ने 16 वित्तीय संस्थाओं और समुद्री जहाजों पर कार्रवाई की है, जो, अवैध तरीके से ईरान के तेल की तस्करी में शामिल थे। क्योंकि इन संस्थाओं को तेल बेचकर मिलने वाला पैसा आतंकवादी संगठनों हिजबुल्लाह, हमास और हूती विद्रोहियों को समर्थन में देता है। इसलिए तेल व्यापार पर प्रतिबंध लगाकर इस आय को रोकने की कोशिश की गई है।

बता दें कि ईरान के तेल व्यापार पर अमेरिका प्रतिबंध लगाता रहा है और समय के साथ प्रतिबंध कड़े भी किए हैं। साल 2018 में ईरान जब परमाणु समझौते (JCPOA) से बाहर हुआ तो अमेरिका ने ईरान के तेल व्यापार पर प्रतिबंध लगाए। इन प्रतिबंधों का मकसद ईरान की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना, उस पर न्यूक्लियर प्रोग्राम पर बातचीत करने के लिए दबाव डालना था।

First published on: Jul 04, 2025 07:58 AM

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