नई दिल्ली: बीते एक साल से जंग झेल रहा यूक्रेन एक बार फिर मानवीय मदद के लिए भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहा है। यूक्रेन की पहली उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा 10 अप्रैल से चार दिवसीय यात्रा पर भारत आ रही हैं। इस दौरान वे यूक्रेन में ध्वस्त हो चुके उर्जा के बुनियादी ढांचे की मरम्मत और पुनर्निमाण के लिए भारत से मदद मांग सकती हैं।
यूक्रेन की उप विदेश मंत्री झापरोवा विदेश राज्य मंत्री और संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री से भी मिलेंगी। झापरोवा भारत से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को शांति स्थापित करने के लिए संदेश भेजने को कह सकती हैं। बता दें कि पुतिन जुलाई में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे हैं।
युद्ध के चलते यूक्रेन में बुनियादी सुविधाएं ध्वस्त
दरअसल, यूक्रेन में युद्ध के चलते बुनियादी सुविधाएं ध्वस्त हो गई हैं। यूक्रेन ने फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरण और उर्जा उपकरण सहित मानवीय सहायता के लिए भारत से अनुरोध किया है। अपनी यात्रा में उप विदेश मंत्री भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कीव आने का न्योता देने की भी उम्मीद जताई जा रही है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का क्या रुख?
बीते साल फरवरी में रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुआ था। तब प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ यूक्रेनी नेता वलोडिमिर जेलेंस्की से बात की थी। भारत ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि जंग को कूटनीति और बातचीत से ही हल किया जा सकता है।
पिछले साल 4 अक्टूबर को राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में पीएम मोदी ने भारत किसी भी शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है।
यह भी पढ़ें: Israel: तेल अवीव में आतंकी हमला में 3 की मौत, 8 से ज्यादा घायल