राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टैरिफ के जरिए से डोमेस्टिक मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया है, इसी बीच एप्पल पर आईफोन प्रोडक्शन को अमेरिका में ट्रांसफर करने का दबाव बनाया है। स्टीव जॉब्स के नेतृत्व में एप्पल ने पहले विदेशों में आईफोन को बनाने के लिए चीन से बेहतर स्किल एवं स्पीड को उल्लेख किया गया था। टैरिफ लागू होने से पहले एप्पल ने रणनीतिक रूप से भारत में आईफोन को चीन में भेज दिया गया था।
2 साल से Foxconn फैक्ट्री में बनाए जा रहे थे आईफोन
Apple ने भारत में अपने iPhone उत्पादन को बड़ी तेजी से बढ़ाया है। खासकर तमिलनाडु के चेन्नई स्थित Foxconn फैक्ट्री में बड़ी तेजी से काम हुआ है। इस फैक्ट्री ने पिछले साल 2 करोड़ से ज्यादा iPhone बनाए, जिसमें लेटेस्ट iPhone 15 और 16 सीरीज भी शामिल हैं। खास बात यह रही कि फैक्ट्री अब रविवार को भी काम कर रही है, जो आम तौर पर छुट्टी का दिन होता है। इससे यह प्रतीत होता है कि एप्पल अब भारत को चीन के विकल्प के तौर पर गंभीरता से ले रहा है।
क्या था ट्रंप का भारी टैरिफ?
ट्रंप प्रशासन ने चीन से आयात होने वाले सामान पर टैरिफ को 54% से बढ़ाकर 125% तक कर दिया। इसका सीधा असर Apple जैसे कंपनियों पर पड़ा, जिनकी सप्लाई चेन का बड़ा हिस्सा चीन में है। टैरिफ बढ़ने से iPhone 16 Pro Max जैसे हाई-एंड डिवाइस की कीमत 1599 डॉलर से बढ़कर 2300 डॉलर तक हो सकती थी। इसलिए Apple ने भारत को विकल्प के तौर पर चुना और तेजी से एक्सपोर्ट करना शुरू किया। भारत से इंपोर्ट पर सिर्फ 26% टैरिफ लगता है, जो चीन के मुकाबले काफी कम है।
15 लाख iPhone अमेरिका पहुंचाए गए
जानकारी के लिए बता दें कि Apple ने भारत से 600 टन(15 लाख) यानी 1.5 मिलियन iPhone विमानों द्वारा अमेरिका पहुंचाए गए। जैसे-जैसे ट्रम्प द्वारा डोमेस्टिक मैन्यूफैक्चरिंग के लिए टैरिफ को बढ़ावा दिया गया। एप्पल ने वैसे-वैसे फाइनेंशियल इफेक्ट को कम करने के लिए रणनीतिक रूप से कदम उठाए।