Third World War in Middle East: हमास के टॉप लीडर इस्माइल हनिया की मौत के बाद दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर खड़ी है। हनिया की मौत का बदला लेने के लिए ईरान और उसके सहयोगियों ने इजराइल पर दर्जनों रॉकेट दागे हैं। उधर इजराइल के सबसे बड़े सहयोगी अमेरिका ने अपने युद्धपोत और फाइटर जेट्स को मिडिल ईस्ट में तैनात किया है।
गाजा में 10 महीने के कत्लेआम के बाद ईरान और इजराइल का संघर्ष एक नए दौर में प्रवेश कर गया है। हाल के दिनों में इजराइल ने हमास और हिजबुल्ला के खिलाफ दो बड़े घातक हमले करके इस्माइल हनिया और एक हिजबुल्ला कमांडर को ढेर कर दिया था। इसके बाद से ईरान और उसके सहयोगियों हमास, हिजबुल्ला और हूती विद्रोहियों ने इजराइल से बदला लेने की बात कही है।
ईरानी हमले से निपटने की अमेरिका की तैयारी
अमेरिका का मानना है कि ईरान बदला लेने के लिए अगले कुछ दिनों में 13 अप्रैल की तरह इजराइल पर सैकड़ों मिसाइलों से हमला बोल सकता है। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने मिडिल ईस्ट में मिसाइल को मार गिराने वाले युद्धपोतों और फाइटर जेट्स की तैनाती का आदेश दिया है।
एक्सिओस की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान इस बार इजराइल पर अप्रैल में हुए हमले से भी बड़ा हमला कर सकता है। उधर ब्रिटिश ऱॉयल मरीन को लेबनान में फंसे ब्रिटिश नागरिकों को निकालने के लिए स्टैंड बाई पर रहने को कहा गया है। अप्रैल में ईरान ने तेल अवीव पर सैकड़ों मिसाइलों से हमला कर दिया था। हालांकि इजराइल ने ज्यादातर मिसाइलों को नष्ट कर दिया था।
बाइडेन और नेतन्याहू की मीटिंग
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि प्रेसिडेंट बाइडन ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से इमरजेंसी मीटिंग की है। इस मीटिंग में मिडिल ईस्ट की स्थिति पर चर्चा की गई है। बाइडन ने नेतन्याहू को मदद का भरोसा दिया है।
अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपने युद्धपोत यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट को रिप्लेस करने का फैसला किया है। इसकी जगह यूएसएस अब्राहम लिंकन युद्धपोत को तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने वाले सिस्टम के साथ अन्य कई युद्धपोत भी मिडिल ईस्ट में तैनात किए जा सकते हैं।
मोरक्को, तुर्की में सड़कों पर उतरे लोग
हमास नेता इस्माइल हनिया को शुक्रवार को कतर में दफनाया गया। हमास और ईरान ने हनिया की मौत के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया है। ईरान ने शनिवार को उम्मीद जताई कि हिजबुल्ला इजराइल के अंदरूनी इलाकों को निशाना बनाएगा और सिर्फ मिलिट्री प्रतिष्ठानों तक सीमित नहीं रहेगा।
मोरक्को, जॉर्डन और तुर्की में शनिवार को हनिया की हत्या के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे और फिलीस्तीन के साथ एकजुटता दर्शाई। हनिया की मौत के बाद मिडिल ईस्ट में तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ गई है। अगर ईरान और इजराइल में सीधी लड़ाई होती है तो निश्चित तौर पर इसका दायरा सिर्फ दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा। अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों से तत्काल लेबनान छोड़ देने को कहा है।