TB Joshua Influential Nigerian Preacher Crime History: हमने सोचा यह स्वर्ग है, लेकिन यहां भयानक चीजें हुईं। मोक्ष प्राप्त करने के सपने दिखाकर दुष्कर्म किया गया। गर्भपात कराया गया। विरोध करने पर कपड़े उतारकर कोड़े मारे जाते थे। जंजीरों से बांधकर अंधेरी कोठरी में रखा जाता था। पादरी की झूठन खाने को मजबूर किया जाता था। यह कहानी है दुनियाभर में मशहूर नाइजीरियन पादरी टेमीटोप बालोगुन जोशुआ (TB Joshua) के कुकर्मों की, जो वह अपने चर्च के अंदर एक गुप्त कमरे में वह अपनी ही शिष्याओं के साथ करता था। पुलिस की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है, लेकिन सिनेगॉग चर्च ऑफ ऑल नेशन्स ने इन आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया है, जबकि जोशुआ के उपासक रह चुके लोगों और महिलाओं ने BBC को खुद जोशुआ के जुल्मों की दास्तां सुनाई। हालांकि जोशुआ द्वारा की गई शुरुआत को आगे उनकी पत्नी एवलिन जारी रखे हुए हैं, लेकिन एक सच यह भी है कि जोशुआ के जुल्मों की कहानी के सबूत मिटा दिए गए हैं। उस पर लगाया गया कोई आरोप साबित नहीं हुआ। आरोप लगाने वाले भी पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाए।
Throwback to when Lucifer had a heated argument with TB Joshua. pic.twitter.com/5YbkCTZKqU
— IYKOLOGY𓃵 (@Iykology_) January 7, 2024
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करीब 20 साल तक चली जोशुआ की मनमानी
BBC के अनुसार, 12 जून 1963 को बेहद गरीब परिवार में जन्मा जोशुआ अफ्रीका में सबसे प्रभावशाली ईसाई प्रचारक था। हर हफ्ते करीब 50 हजार लोग उसकी सेवा में हाजिर होते थे। वह ईसाई टेलीविजन स्टेशन इमैनुएल टेलिविजन के जरिए दुनिया का सबसे मशहूर टेलिवेंजेलिस्ट बन गया था। ऐसे की एक शो में उसने साक्षात भगवान के दर्शन करने का दावा किया था। एक बार तो उसने यहां तक कह दिया था कि उसे वरदान मिला है। वह HIV/AIDS समेत सभी बीमारियों को ठीक कर सकता है। हालांकि साल 2021 में उसकी मौत हो गई, लेकिन उसके चंगुल से छूटकर निकले उसके शिष्यों ने जोशुआ के काले कारनामों का खुलासा किया। करीब 20 साल तक वह अपने शिष्यों और शिष्याओं का यौन उत्पीड़न और मानसिक शोषण करता रहा। 1990 और 2000 के दशक में यूरोप, अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के हजारों लोग उसके उपासक बने। नाइजीरिया में उसके चर्च में आते-जाते थे। कई लोग सालों तक उसके शिष्य बनकर उसके साथ चर्च में रहे।
Prophet tbjoshua knew that this will happen
He prophesied about this pic.twitter.com/DNAOIei1wk— DSOURCE (@DANI_SOURCE) January 7, 2024
कंक्रीट से बने ‘महल’ में कैद रहते थे उपासक
जोशुआ की उपासक रह चुकी मार्टन ने दावा किया कि उसे जोशुआ का बचा हुआ खाना खाने के लिए मजबूर किया गया था। एक महिला ने दावा किया कि जोशुआ ने अपने चर्च के अंदर ही उसके साथ सालों तक शारीरिक संबंध बनाए और इस दौरान करीब 5 बार उसका गर्भपात कराया गया। जोशुआ के जुल्मों की दास्तां के कई चश्मदीद गवाह हैं। वह बच्चों के साथ भी दुर्व्यवहार करता था। पीड़ितों में से एक रॉय नामक ब्रिटिश महिला 21 साल की थी, जब वह 2002 में ब्राइटन विश्वविद्यालय और कोर्स छोड़कर चर्च में आकर रहने लगी और जोशुआ की उपासक बन गई। उसने 12 साल जोशुआ के साथ बिताए। रॉय ने BBC को बताया कि लागोस में उसके भूलभुलैया जैसे कंक्रीट से बने ‘महल’ के अंदर रहते हुए वह सोचती थी कि हम स्वर्ग में हैं, लेकिन हम नरक में थे और इस नरक में भयानक चीजें होती थीं। जोशुआ द्वारा उसका यौन उत्पीड़न किया गया। उसे 2 साल तक एकांत कारावास में रखा गया। ऐसा दुर्व्यवहार किया जाता था कि उसने कई बार सुसाइड करने का प्रयास किया। गंभीर था कि उसने परिसर के अंदर कई बार आत्महत्या का प्रयास किया।
Is it me or this TB Joshua clip looks staged😂 pic.twitter.com/9wCMUQK1Fs
— 60 cedis (@jeyjudee777) January 7, 2024
कई मशहूर हस्तियां उसके उपासकों में शामिल
जोशुआ के 25 से ज्यादा शिष्यों, जो यूके, नाइजीरिया, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, घाना, नामीबिया और जर्मनी से थे, ने जोशुआ के उपासक रहते हुए किए गए अनुभव BBC को बताए। नामीबिया की जेसिका कैमू का कहना है कि जोशुआ के साथ उसने नरक जैसे 5 साल बिताए। वह 17 साल की थी, जब जोशुआ ने पहली बार उसके साथ बलात्कार किया था। उसे वहां 5 बार जबरन गर्भपात कराना पड़ा। एक शिष्या ने दावा किया कि विरोध करने पर जोशुआ कपड़े उतार उन्हें बिजली के तारों और घोड़े के चाबुक से पीटता था। उन्हें दिन हो या रात में सोने नहीं देता था। जून 2021 में जोशुआ की मौत के बाद उसे अफ्रीकी इतिहास के सबसे प्रभावशाली पादरियों में से एक के रूप में सम्मानित किया गया। गरीबी से निकलकर इंजील साम्राज्य बनाने वाले जोशुआ के उपासकों में अफ्रीकी देशों के कई नेता, मशहूर हस्तियां, अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी शामिल थे। 9 अफ्रीकी राष्ट्रपति उसके अनन्य भक्त थे। 2014 में चर्च का एक गेस्टहाउस ढह गया था, जिसमें कम से कम 116 लोग मारे गए थे, लेकिन मामले में जोशुआ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। कई लोगों ने उसके खिलाफ बोलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें चुप करा दिया गया। एक को तो गोली मार दी गई थी।