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ट्रंप टैरिफ होंगे कैंसिल या देना होगा रिफंड? टैक्स के खिलाफ आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला तो क्या होगा

Trump Tariffs: ट्रंप टैरिफ को फेडरल कोर्ट अवैध करार दे चुकी है, लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी टैरिफ के खिलाफ आया तो क्या होगा? फेडरल कोर्ट के फैसले के खिलाफ ट्रंप सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर सुनवाई नवंबर महीने के होने के आसार हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Sep 8, 2025 14:16
Donald Trump | Supreme Court | Reciprocal Tariffs
फेडरल कोर्ट राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को अवैध करार दे चुकी है।

Trump Tariffs Supreme Court: भारत समेत दुनियाभर के 150 से ज्यादा देशों पर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ लगा तो दिया है, लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट ने टैरिफ के खिलाफ फैसला सुनाया तो क्या होगा? क्योंकि फेडरल कोर्ट ट्रंप टैरिफ को अवैध करार दे चुकी है और ट्रंप सरकार ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने भी टैरिफ को अवैध करार दिया तो क्या होगा? आइए अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट से जानते हैं…

टैरिफ कैंसिल होंगे और रिफंड किए जाएंगे

अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने टैरिफ के खिलाफ फैसला दिया तो अमेरिका को 50 प्रतिशत टैरिफ वापस लेने होंगे। बतौर टैरिफ अब तक वसूले गए अरबों डॉलर के टैक्स को भी रिफंड करना होगा। हालांकि इससे अमेरिका की वित्तीय स्थिति प्रभावित होगी, इसलिए टैरिफ को लेकर कुछ अन्य तरीके भी अपनाए जा सकते हैं, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ फैसला आने से उनकी इमेज पर सीधा असर पड़ेगा। उनकी तोल-मोल, बातचीत और मध्यस्थता करने की क्षमता कमजोर पड़ जाएगी।

US फेडरल कोर्ट ने क्या दिया था फैसला?

बता दें कि 29 अगस्त को फेडरल कोर्ट ने ट्रंप टैरिफ को अवैध करार दिया था। साथ ही कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ लगाकर अपनी संविधान के तहत मिली शक्तियों का दुरुपयोग किया है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) राष्ट्रपति ट्रंप को टैरिफ लगाने की अनुमति नहीं देता है, लेकिन फिर भी राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ लगा दिया, जो गलत है। इस फैसले ने ट्रंप सरकार की व्यापार वार्ताओं को प्रभावित किया है।

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टैरिफ के पक्ष में ट्रंप सरकार की दलील

बता दें कि ट्रंप सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके टैरिफ को वैध घोषित करने की मांग की है। अपनी इस मांग के पक्ष में ट्रंप सरकार ने दलील दी है कि अमेरिका के आर्थिक विकास और व्यापार घाटे को कम करने के लिए टैरिफ जरूरी है। भारत पर टैरिफ लगाना इसलिए जरूरी है, ताकि उसे यूक्रेन के खिलाफ रूस को फंडिंग करने से रोका जा सके। भारत के जरिए रूस पर यूक्रेन से शांति वार्ता करने के लिए दबाव डाला जा सके।

7 देशों के साथ हो चुकी ट्रेड डील

अमेरिका 7 देशों के साथ ट्रेड डील और 27 देशों वाले यूरोपीय संघ के साथ कई समझौते कर चुका है, ऐसे में अब अगर टैरिफ कैंसिल हुए तो अमेरिका को करीब अरबों रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। बता दें कि ट्रंप सरकार ने फेडरल कोर्ट के फैसले के खिलाफ 4 सितंबर 2025 को याचिका दायर की थी। सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने याचिका दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि याचिका पर सुनवाई नवंबर के पहले सप्ताह में की जाए, लेकिन अभी तक सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की तारीख फाइनल नहीं की है।

First published on: Sep 08, 2025 01:36 PM

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