---विज्ञापन---

सिर्फ 7 मिनट की वेटिंग, ट्रेंड ड्राइवर; आरामदायक सफर और सेफ्टी का भरोसा… उबर को टक्कर देने आई ये कैब कंपनी

Ride E-Hailing Secure Express: उबर ब्लैक को टक्कर देने के लिए साउथ अफ्रीका की ई-हेलिंग कंपनी सिक्योर एक्सप्रेस ने अपनी कैब सर्विस को लेकर बड़े दावे किए हैं। कंपनी के अनुसार उसकी प्राथमिकता अपने ग्राहकों की सेफ्टी है। वह राइड से पहले ड्राइवरों को ट्रेंड करती है।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Oct 4, 2024 23:28
Share :
south african cab company secure express

Secure Express CAB: दक्षिण अफ्रीकी कंपनी सिक्योर एक्सप्रेस अब राइड हेलिंग दिग्गज मानी जाने वाली उबर को टक्कर दे रही है। कंपनी ग्राहकों के लिए अधिक आरामदायक और सुरक्षित सफर का दावा कर रही है। बता दें कि सिक्योर एक्सप्रेस आर्कफायर इंटरनेशनल का हिस्सा है। सिक्योर एक्सप्रेस का दावा है कि ग्राहकों की सुरक्षा, आरामदायक सफर और बेहतरीन सेवा ही उसका लक्ष्य है। कंपनी के प्रमुख ग्लेन हॉवेल ने हाल ही में टेकसेंट्रल को एक साक्षात्कार दिया था। जिसमें कहा था कि सिक्योर एक्सप्रेस दूसरी ई-हेलिंग कंपनियों से अलग है। उनकी कंपनी ड्राइवरों की नियुक्ति में बेहद सावधानी बरतती है।

औसतन 10 में से 9 लोगों का आवेदन फॉर्म ही अस्वीकार कर दिया जाता है। कई बार राइड कंपनियों के ड्राइवर पैसे के लिए छोटी दूरी की सवारी लेने से बचते हैं। जबकि उनकी कंपनी के ड्राइवर ऐसा नहीं करते। उनके लिए कमाई ही सब कुछ नहीं है। उनकी कंपनी का हर ड्राइवर ट्रेनिंग लेकर फील्ड में उतरता है। जिसको फर्स्ट एड, कस्टमर सर्विस नॉलेज आदि से रूबरू करवाया जाता है। इसके बाद ही टोयोटा कोरोला की राइड की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। ग्राहक की सेफ्टी हमारा मकसद है।

---विज्ञापन---

जोहान्सबर्ग में है कमांड सेंटर

कंपनी का कमांड सेंटर जोहान्सबर्ग में है। जहां से राइड के लिए बुक की गई कैब की निगरानी होती है। राइडरों को अधिक जोखिम वाले रास्तों से बचने का विकल्प दिया जाता है। इस दौरान अगर कोई ड्राइवर भटक जाता है तो सिक्योर एक्सप्रेस कस्टमर हेल्पलाइन तुरंत प्रतिक्रिया देती है। वाहन में कैमरे लगे होते हैं। जो आगे की सीटों को कवर करते हैं। ग्राहक की गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा जाता है। अगर सवारी को दिक्कत होती है तो वह उनको बता सकती है। जरूरत पड़ने पर पुलिस को सूचित किया जा सकता है। भटकने की स्थिति में कमांड सेंटर से ग्राहक को फोन किया जाता है। कस्टमर से सेफ्टी आदि को लेकर बातचीत की जाती है। उत्तर नहीं मिलने पर आगे की कार्रवाई होती है।

ये भी पढ़ेंः ह‍िजबुल्‍लाह का नया चीफ भी ढेर, इजरायल का बड़ा दावा, कुछ द‍िन पहले ही बना था सरगना

---विज्ञापन---

सिक्योर एक्सप्रेस ऐप में SOS बटन है, जिसके जरिए ग्राहक आपातकालीन स्थिति में संपर्क कर सकते हैं। ग्राहक साफ-सुथरी कार के अलावा ऐसा ड्राइवर चाहते हैं, जो गाड़ी को सेफ्टी के साथ चलाए। न कि चलती गाड़ी में फोन का उपयोग करे। उनकी हर कार में फ्री वाई-फाई लगा है। ग्राहकों की मर्जी के अनुसार रेडियो स्टेशन से जुड़ने की भी सुविधा भी दी गई है। उनकी कंपनी भविष्य में केप टाउन में भी सेवा शुरू करने की सोच रही है। उनकी कंपनी कई एयरपोर्ट तक ग्राहकों को सेवाएं देती हैं।

महिलाएं ज्यादा करती हैं बुकिंग

हॉवेल के अनुसार बुकिंग करने वालों में कुल ग्राहकों का लगभग तीन चौथाई हिस्सा महिलाओं का है। अधिकतर बड़े व्यवसायी उनकी कैब को सेफ्टी के हिसाब से ज्यादा बुक करते हैं। बच्चों की सेफ्टी को देखते हुए माता-पिता भी उनकी कंपनी को तवज्जो देते हैं। यहीं नहीं, उनकी कंपनी के ड्राइवर अपहरण और वाहन लूट करने वाले हथियारबंद बदमाशों से निपटने में भी ट्रेंड होते हैं। जोहान्सबर्ग की बात करें तो उनकी कैब बुकिंग के बाद 7 से 9 मिनट में ग्राहक के पास पहुंच जाती है। एक किलोमीटर के लिए लगभग 15 रुपये तक चार्ज किए जाते हैं। वेटिंग शुल्क नहीं लिया जाता। हमारी कीमत उबर कैब से अधिक है, लेकिन छोटी यात्राओं के लिए रेट कम है।

यह भी पढ़ें:11 साल की उम्र में अपहरण, जबरन शादी के बाद हमास को बेचा; ISIS की कैद से छूटी महिला की रुला देने वाली कहानी

HISTORY

Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Oct 04, 2024 11:28 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें