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History: 16000 फीट ऊंचाई पर प्लेन में धमाका, 12 मिनट में 230 लोग मारे गए, लोगों ने आसमान से गिरती देखी लाशें

Today History in Hindi: अमेरिका में आज से 28 साल पहले भीषण विमान हादसा हुआ था, जिसमें 230 लोग मारे गए थे और लाशें समुद्र में मिली थीं। लोगों ने आसमान में प्लेन में आग लगी देखी और मलबे को भी ऊपर से नीचे गिरते देखा। आइए जानते हैं कि हादसा कहां और कैसे हुआ?

धमाका होते ही आसमान में प्लेन में आग लग गई थी।
TWA Flight 800 Crash Memoir: फ्लाइट टेकऑफ होते ही 16 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंच गई, 10 मिनट ही हुए थे कि प्लेन के ऑयल टैंक में जोरदार धमाका हुआ और 2 मिनट के अंदर विमान में सवार 230 लोग मारे गए। धमाका इतना जोरदार था मानो बम फट गया हो। नीचे जमीन पर खड़े लोगों को भी धमाके की आवाज सुनाई दी। लोगों ने आग की लपटों से घिरे प्लेन के टुकड़े और लोगों की लाशें नीचे गिरती देखीं। इसके बाद मलबा और लाशें अटलांटिक महासागर में मिलीं। लोगों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन भी चलाया, लेकिन कोई पैसेंजर जिंदा नहीं मिला। कुछ पैसेंजरों की लाशें पानी में तैरती मिलीं और कुछ की किनारे पर मिलीं। लाशें बुरी हालत में जली हुई थीं। हादसा आज से 28 साल पहले 17 जुलाई 1996 को अमेरिका में हुआ था, जिसे देश के इतिहास का सबसे घातक विमान हादसा माना गया। लोगों ने आग के गोले नीचे गिरते देखे और पुलिस को सूचना दी, तब प्लेन क्रैश का पता चला। फिर पुलिस ने लोगों के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।  

आतंकी हमले के एंगल से की गई हादसे की जांच

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्रांस वर्ल्ड एयरलाइंस की फ्लाइट 800 ( TWA800 ) ने बोइंग 747-100 प्लेन में उड़ान भरी थी। 17 जुलाई 1996 को सुबह के करीब 8:31 बजे फ्लाइट न्यूयॉर्क में बने जॉन एफ कैनेडी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टेकऑफ हुई। फ्लाइट को इटली के रोम शहर में लियोनार्डो दा विंची एयरपोर्ट पर लैंड करना था। फ्रांस के पेरिस शहर में चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट पर फ्लाइट का स्टॉपेज था, लेकिन टेकऑफ होने के 12 मिनट बाद प्लेन ऑयल टैंक में ब्लास्ट होने से न्यूयॉर्क के ईस्ट मोरीचेस इलाके में अटलांटिक महासागर के ऊपर विस्फोट हो गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में प्लेन में सवार 212 पैसेंजर्स और 18 क्रू मेंबर्स मारे गए। यह अमेरिकी इतिहास की तीसरी सबसे घातक विमान दुर्घटना थी। राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) के की टीम हादसास्थल पर पहुंची, क्योंकि अटकलें लगाई जा रही थीं कि हादसे का कारण आतंकवादी हमला था। संघीय जांच ब्यूरो (FBI) और न्यूयॉर्क पुलिस ने भी आतंकी हमले के एंगल से जांच की, लेकिन 4 साल चली जांच में कोई सबूत नहीं मिला। 23 अगस्त 2000 को जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में प्लेन के ऑयल टैंक में आग लगने को हादसे का कारण बताया और आग शॉर्ट सर्किट से लगी थी। यह भी पढ़ें:ओमान के तट पर पलटा ऑयल टैंकर, चालक दल में शामिल 13 भारतीय लापता

हादसे में मरने वालों में शामिल थे ये लोग

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फ्लाइट में 18 क्रू मेंबर्स और 20 ऑफ-ड्यूटी कर्मचारी सवार थे, जिनमें से भी ज्यादातर क्रू मेंबर ही थे। इनको पेरिस में लैंड करना था। 18 क्रू मेंबर्स में से 17 और 152 पैसेंजर्स अमेरिकी थे। बाकी इटली के थे। इनके अलावा मारे गए लोगों में फ्रांस में आइस हॉकी प्लेयर माइकल ब्रेइस्ट्रॉफ, फ्रांस के गिटारिस्ट मार्सेल दादी, अमेरिका के म्यूजिशियन डेविड होगन, इंटीरियर डिजाइनर और डायरेक्टर जेड जॉनसन, एंडी वारहोल, पाम लिचनर अमेरिक में अपराध पीड़ितों के अधिकारों की पैरोकार और पूर्व TWA फ्लाइट अटेंडेंट, रिको पुहलमैन जर्मनी की फैशन फोटोग्राफर, जैक ओ'हारा एबीसी स्पोर्ट्स के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर, जो अपनी पत्नी और बेटी के साथ सफर कर रहे थे। इनेके अलावा पेंसिल्वेनिया के मोंटौर्सविले एरिया हाई स्कूल के फ्रेंच क्लब के 16 स्टूडेंट भी हादसे में मारे गए थे। यह भी पढ़ें:Olympics से पहले फ्रांस में बड़ा फेरबदल, पहले Gay प्रधानमंत्री ने मंत्रियों के साथ दिया इस्तीफा


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