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Pakistan Election Result: नवाज शरीफ पाकिस्तान के PM बने तो क्या भारत से रिश्ते सुधरेंगे?

यह बात दुनिया से छिपी नहीं है कि नवाज शरीफ पाकिस्तानी सेना की मदद से ही वापस आए हैं. सेना चाहती है कि वे पीएम बनें और सीटें भी उनके पक्ष में आती हुई दिखाई दे रही हैं। ऐसे में गठबंधन की स्थिति में भी सेना का प्रभाव सरकार पर बना रहेगा।

Edited By : Amit Kumar | Updated: Feb 10, 2024 21:54
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Nawaz Sharif Reached Pakistan Address Rally In Lahore
नवाज शरीफ

द‍िनेश पाठक, वर‍िष्‍ठ पत्रकार 

Pakistan Election Result News: अपने देश में आम चुनाव में कुछ महीने का वक्त है तो पड़ोसी पाकिस्तान में आम चुनाव के नतीजे आ गए हैं। किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है। जेल में बंद प्रतिबंधित पार्टी के प्रमुख इमरान खान (Imran Khan) के समर्थक निर्दल प्रत्याशी सबसे बड़ी संख्या में जीते हैं। अधिकृत पार्टी के रूप में नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) का दल सबसे आगे है। दूसरे नंबर पर बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) का दल है। कुछ सीटें छोटी पार्टियों के हिस्से में भी आई हैं। यह तय हो गया है कि पाकिस्तान में साझा सरकार ही बनेगी। सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते नवाज शरीफ ने इसकी पहल भी शुरू कर दी है। इसी के साथ सवाल उठ रहे हैं कि नवाज शरीफ के पीएम बनने के बाद क्या भारत से रिश्तों में कोई सुधार हो सकता है?

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इसका सटीक जवाब फिलहाल मिलना मुश्किल है और यह इतना आसान भी नहीं है। भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में कई सालों से खटास है। लगभग हर तरह का संवाद बंद है। व्यापार भी नहीं हो पा रहा है। भारत ने शर्त रखी हुई है कि जब तक पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करेगा, भारत से रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते। चार साल के स्वनिर्वासन के बाद ऐन चुनावी मौके पर पाकिस्तान लौटे नवाज शरीफ ने आने के साथ अपनी पहली जनसभा में ही भारत के साथ रिश्तों को मजबूत करने का पर जोर दिया था। वे पूरे चुनाव भारत समेट पड़ोसी देशों से रिश्तों को सुधारने की वकालत करते रहे. गुरुवार को नतीजे आने शुरू हुए और उनका दल आगे निकलता हुआ दिखाई दिया तो उन्होंने फिर से अपनी बात दोहराई। अगर वे पीएम बनने में कामयाब होते हैं तो संभव है कि बातचीत की विंडो खुले। पर, यह तभी संभव है जब भारत भी उतनी ही सरगर्मी दिखाए।

सेना की मदद से वापस आए नवाज

पूरी संभावना इस बात की है कि नवाज शरीफ चौथी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लें। एक-दो दिन में यह तस्वीर एकदम साफ होकर सामने आ जाने की संभावना है। अगर किसी और के पीएम बनने की संभावना होती तो शायद भारत से रिश्तों की बात नहीं होती लेकिन चूंक‍ि नवाज शरीफ के पीएम बनने की बात हो रही है इसलिए भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों की दोबारा शुरुआत की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। नवाज के भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रिश्ते मधुर रहे हैं। मोदी उन्हें सरप्राइज देने अचानक उनके घर जा चुके हैं। इन्हीं वजहों से चर्चा शुरू हो गई है कि शायद रिश्तों में फिर गर्माहट आए।


र‍िश्‍ते सुधरने में दो अड़चनें

मगर, दो बाधाएं फिर भी खड़ी हैं। एक-पाकिस्तानी सेना और दो-भारत का रुख। भारत ने दुनिया में हर मंच पर आतंकवाद का विरोध किया है। कश्मीर को लेकर भी वह कुछ नहीं सुनना चाहता और नवाज शरीफ के मामले में यह महत्वपूर्ण तथ्य है कि वे सेना की मदद से ही प्रधानमंत्री बन सकेंगे। दूसरी बाधा यह है कि अपनी जन सभाओं में वे कश्मीर का राग किसी न किसी रूप में अलापते रहे हैं। यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि पाकिस्तानी सेना ISI की मदद से आतंकवाद का समर्थन करती आ रही है और वह जब चाहती है लोकतंत्र का गला घोंट देती है। ऐसे में इस बात की संभावना कम हो जाती है कि नवाज शरीफ को बहुत फ़्रीडम मिलने जा रही है। अगर नवाज को बहुमत मिलता तो भी वे फ्री हैंड काम नहीं कर पाते। अभी तो गठबंधन की सरकार बनेगी, यह तय हो चुका है। ऐसे में काफी चीजें पाकिस्तानी सेना तय करेगी।

पाक‍िस्‍तान को करने होंगे काफी प्रयास

भारत में पीएम मोदी के इशारे पर चीजें सॉफ्ट हो सकती हैं लेकिन आतंकवाद को लेकर पूरी दुनिया में अजीत डोवल और विदेश मंत्री जयशंकर ने जो काम किया है, वह काफी लंबी दूरी तय कर चुका है। ऐसे में बातचीत भले शुरू हो जाए लेकिन भारत के साथ गर्मजोशी वाले रिश्ते बनाने के लिए पाकिस्तान को काफी प्रयास न केवल करने होंगे बल्कि उसे प्रामाणिक तौर पर दिखाना भी होगा। इस काम में पाकिस्तानी सेना शायद ही नवाज शरीफ को खुली छूट दे या मदद करे। वह अपने मिजाज के मुताबिक आतंकवाद को पालना-पोसना नहीं छोड़ना चाहती। हां, अगर सेना खुलेमन से उन्हें सपोर्ट करती है तो निश्चित ही भारत भी दोस्ती का हाथ बढ़ाने में पीछे नहीं हटेगा। मौजूदा हालत में उम्मीदों की बर्फ भले ही पिघलती हुई दिखाई दे रही हो लेकिन एकदम से आसान बिल्कुल नहीं है. समय ही तय करेगा कि बदले हालात में भारत-पाकिस्तान के रिश्ते किस करवट बैठेंगे?

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Edited By

Amit Kumar

First published on: Feb 10, 2024 10:39 AM

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