Pakistan Election 2024 : पाकिस्तान में बीती आठ फरवरी को नई सरकार चुनने के लिए यहां की जनता ने मतदान किया था। लेकिन अभी तक परिणाम सामने नहीं आ पाया है। धीमी मतगणना के बीच चुनाव में कथित धांधली के आरोप लगाते हुए राजनीतिक अनिश्चितता को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों व अन्य पार्टियों ने पूरे देश में प्रदर्शन किए। अभी तक परिणाम सामने न आने से पड़ोसी देश में भ्रम की स्थिति बन गई है।
लंबे समय से आर्थिक और राजनीतिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान में अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि चुनाव में जीत किसे मिली है। लेकिन, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के मुखिया और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ जीत का दावा कर चुके हैं। हालांकि, उन्होंने कोई आंकड़े साझा नहीं किए हैं और गठबंधन की सरकार बनाने के लिए अपने सहयोगियों को आमंत्रित किया है। इस रिपोर्ट में 10 प्वाइंट्स में जानिए कि पाकिस्तान की राजनीति में इस समय क्या चल रहा है।
1. पीटीआई के चेयरमैन गौहर अली खान ने कहा है कि पाकिस्तान के सभी संस्थानों को जनादेश का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इमरान खान तय करेंगे कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने यह भी कहा कि अगर शनिवार रात तक परिणाम नहीं आए तो रविवार को पीटीआई रिटर्निंग ऑफिसर के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करेगी। बता दें कि इमरान खान अभी जेल में बंद हैं और गौहर अली खान उनके वकील भी हैं।
2. पाकिस्तान निर्वाचन आयोग के अनुसार पीटीआई के समर्थन वाले निर्दलीय प्रत्याशियों ने सबको चौंकाया है। इन्होंने 100 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की है और नवाज शरीफ की पीएमएल-एन से आगे हैं जिसके खाते में अब तक केवल 72 सीट आई हैं। बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) ने 54 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसके अलावा छोटे दलों ने कुल मिलाकर 27 सीटें जीती हैं। आयोग के अनुसार अगर देश में गठबंधन सरकार बनती है तो ये उसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं।
3. 266 सदस्यों वाली पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुछ सीटों पर परिणाम अभी तक सामने नहीं आ पाया है। मतदान के दिन पाकिस्तान को कई आतंकी हमलों का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई थी। और तो और अफगानिस्तान और ईरान के साथ सीमा भी बंद की गई थी। लेकिन, गुरुवार को मतदान होने के बाद आज रविवार को भी चुनाव परिणाम की तस्वीर पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई है।
4. इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई के लिए चुनाव परिणाम बेहद महत्वपूर्ण हैं। चुनाव आयोग ने नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर पार्टी पर रोक लगा दी थी कि वह अपने आइकॉनिक चुनाव चिह्न बैट का उपयोग नहीं कर सकती। इस स्थिति में पीटीआई के समर्थक निर्दलीय प्रत्याशियों के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे थे। इमरान खान और उनके समर्थकों ने चुनाव में फर्जीवाड़े के आरोप भी लगाए हैं। इमरान भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सजा काट रहे हैं।
5. पीटीआई के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवारों ने सीटें तो काफी जीती हैं लेकिन पाकिस्तान के चुनावी नियमों के तहत वह सरकार नहीं बना सकते हैं। निर्दलीय उम्मीदवार आरक्षित सीटों के आवंटन के पात्र भी नहीं होते हैं। सरकार बनाने के लिए उनका किसी पार्टी के साथ जुड़े होना जरूरी है।
6. मतगणना के दौरान ही इमरान खान का एआई के जरिए बनाया गया विजयी संबोधन सामने आया था। इस वीडियो संदेश में उन्होंने जीत का दावा किया था और जनता को धन्यवाद कहा था कि उसने इतनी बड़ी संख्या में उनकी पार्टी के पक्ष में मतदान किया। इसके साथ ही उन्होंने नवाज शरीफ पर भी तंज कसा था और उन्हें कम बुद्धिमत्ता वाला शख्स करार दिया था।
7. धीमी मतगणना और धांधली के आरोपों के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का बयान भी सामने आया। उन्होंने कहा है कि पीटीआई लंबे समय से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को चुनावी प्रक्रिया में शामिल किए जाने की वकालत कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर आज ईवीएम से चुनाव हो रहा होता तो पाकिस्तान को इस तरह के संकट का सामना नहीं करना पड़ता।
8. इसी बीच पीटीआई, पीपीपी और पीएमएल-एन ने अलग-अलग अदालतों में अपने निर्वाचन क्षेत्रों में कथित फर्जीवाड़े को लेकर याचिकाएं दायर की हैं। पार्टियों ने दावा किया है कि पहले जिन उम्मीदवारों को विजेता घोषित किया गया था, बाद में उन्हें हारा हुआ बता दिया गया है। मतगणना में धांधली की गई है।
9. पाकिस्तानी सेना के प्रमुख सैयद असीम मुनीर ने चुनाव के 'सफल' आयोजन की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि देश को अराजकता और ध्रुवीकरण की राजनीति से आगे निकलकर विकास के रास्ते पर बढ़ने के लिए स्थिर नेतृत्व की जरूरत है। बता दें कि पाकिस्तान की राजनीति में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सेना का दखल हमेशा से रहा है।
10. पाकिस्तान के आम चुनाव में फर्जीवाड़े और धांधली को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन ने चिंता व्यक्त की है और निष्पक्ष व मुक्त चुनाव की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इन आरोपों की सही तरीके से जांच की जानी चाहिए और देश की शासन प्रक्रिया आसान व लोकतांत्रिक होनी चाहिए।