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निमिषा प्रिया केस में सुप्रीम कोर्ट से आया ताजा अपडेट, संस्था ने मांगी यमन जाने की इजाजत

निमिषा प्रिया केस में सुप्रीम कोर्ट से आया ताजा अपडेट, संस्था ने मांगी यमन जाने की इजाजत

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Vijay Jain Updated: Jul 18, 2025 12:57
Nimisha Priya Case
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Nimisha Priya Death Sentence Case Supreme Court Hearing: यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज भी सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ‘सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल’ नाम की संस्था ने कोर्ट से इजाज़त मांगी कि उन्हें इस मामले में मृतक के घरवालों से बातचीत के यमन जाने की इजाज़त दी जाए। वकील ने कोर्ट को बताया कि फांसी की सज़ा रुक गई है। हम सरकार के आभारी है पर हमें यमन जाने की ज़रूरत है ताकि हम मृतक के घरवालों से बात कर सकें।

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महिला सकुशल वापस आ जाए

सरकार की ओर से अटॉनी जनरल आर वेंकटरमनी ने कहा कि हम नहीं चाहते कि कुछ ऐसा हो जिसका ग़लत नतीजा निकले। हम चाहते है कि यह महिला सकुशल वापस आ जाए। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप सरकार के पास ज्ञापन दीजिए। सरकार अपने हिसाब से इस पर फैसला लेगी। हम इस पर कुछ नहीं कह सकते। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सरकार के पास ज्ञापन देने की इजाज़त दी। मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।

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फांसी टली, मौत की सजा बरकरार

यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की 16 जुलाई 2025 को होने वाली फांसी टली है, लेकिन मौत की सजा बरकरार है। 2020 में यमन की एक स्थानीय अदालत ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई थी। यमन की शरिया कानूनी व्यवस्था के तहत अब निमिषा को बचाने का एकमात्र रास्ता यह है कि महदी का परिवार उन्हें माफी दे दे। निमिषा को बचाने के लिए ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ नामक संस्था ने फंड जुटाकर महदी के परिवार को 10 लाख डॉलर की ‘दियाह’ (ब्लड मनी) की पेशकश की, लेकिन महदी का परिवार ने फिल्हाल पेशकश को ठुकरा दिया है।

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कौन है निमिषा प्रिया?

भारत के केरल मूल की निवासी निमिषा प्रिया 2008 में नर्स के रूप में काम करने के लिए यमन गई थीं। 2017 में निमिषा को उनके पूर्व बिजनेस पार्टनर यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि निमिषा ने महदी को बेहोशी की दवा की अधिक मात्रा देकर उनकी हत्या की और फिर उनके शव को टुकड़ों में काटकर पानी की टंकी में फेंक दिया था। निमिषा ने इन आरोपों से इनकार किया है और उनके वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि निमिषा ने केवल अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए महदी को बेहोशी की दवा दी थी, लेकिन अनजाने में दवा की मात्रा अधिक हो गई।

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महदी के परिवार से माफी एकमात्र रास्ता

निमिषा प्रिया की भारत सकुशल वापसी के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय हर संभव प्रयास कर रहा है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारतीय अधिकारी यमन के जेल प्रशासन और अभियोजन कार्यालय के साथ लगातार संपर्क में हैं। इन प्रयासों के चलते ही फांसी की तारीख को टाला गया है। सैमुअल जेरोम ने बताया कि महदी के परिवार से माफी मिलना इस समय निमिषा को बचाने का सबसे बड़ा रास्ता है। यदि परिवार ब्लड मनी स्वीकार कर माफी दे देता है तो निमिषा की सजा रद्द हो सकती है। इस दिशा में बातचीत जारी है और समर्थकों को उम्मीद है कि जल्द ही कोई सकारात्मक परिणाम निकलेगा।

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First published on: Jul 18, 2025 11:30 AM