Nepal Supreme Court Issues Notice Over Power Deal With India : नेपाल और भारत के बीच हाल ही में ऐतिहासिक बिजली समझौता हुआ था। इसके तहत भारत सरकार अगले एक दशक में नेपाल से 10,000 मेगावाट बिजली खरीदने वाली है। लेकिन, नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर वहां की सरकार को कारण बताओ नोटिस भेजा है। इसमें पूछा गया है कि क्या समझौते के लिए संसद के सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है।
The Supreme Court (SC) has issued a show-cause notice against the government regarding the recently signed long-term Power Trade Agreement (PTA) with India.https://t.co/YI7pM833ze
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नोटिस में कोर्ट ने पूछे ये सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस नेपाल सरकार के पूर्व सचिव सूर्य नाथ उपाध्याय की ओर से दाखिल रिट याचिका पर जारी किया है। उपाध्याय ने कहा है कि द्विपक्षीय समझौते पर संसद के जरिए समर्थन जुटाने की आवश्यकता होती है। बता दें कि उपाध्याय नेपाल-इंडिया एमिनेंट पर्संस ग्रुप के सदस्य भी हैं। कारण बताओ नोटिस में यह भी पूछा गया है कि क्या भारत के साथ हुआ यह समझौता प्राकृतिक संसाधनों के वितरण और उनके यूटिलाइजेशन से जुड़ा है।
दोनों पक्षों की सुनी जाएगी बात
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह तय करने के लिए कि अंतरिम आदेश जारी किए जाने चाहिए या नहीं, दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों से अपनी-अपनी बातें रखने के लिए कहा है। बता दें कि बिजली समझौते को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की पिछले साल 31 मई से 3 जून के बीच हुई भारत यात्रा के दौरान बनी थी। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की नेपाल यात्रा के दौरान इस पर हस्ताक्षर किए गए थे।
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