पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के हजारों करोड़ के घोटाले के मुख्य आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लंदन की कोर्ट से तगड़ा झटका लगा। उसकी 10वीं जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने बयान में बताया कि यह भारत के लिए बड़ी कामयाबी है। सीबीआई की टीम ने लंदन में क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के साथ मिलकर भारत का पक्ष मजबूती से रखा।
सीबीआई की टीम ने रखीं ठोस दलीलें
नीरव मोदी की जमानत याचिका का विरोध करने के लिए सीबीआई की एक उच्चस्तरीय टीम लंदन पहुंची। इस टीम में अनुभवी जांच अधिकारी और कानूनी विशेषज्ञ शामिल थे। सीपीएस के वकील ने सीबीआई के सहयोग से कोर्ट में ऐसी दलीलें दीं, जो नीरव के पक्ष को कमजोर करने में निर्णायक साबित हुईं। सीबीआई ने कोर्ट को आगाह किया कि नीरव भारत में गंभीर आर्थिक अपराध के आरोपी है और उसकी रिहाई से सरेंडर प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
पीएनबी घोटाले का है आरोपी
नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चोकसी पर 2018 में सामने आए PNB घोटाले के आरोपी हैं। दोनों ने मुंबई की PNB शाखा से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) के जरिए 6,498 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। मेहुल चोकसी पर 7,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी का इल्जाम है। घोटाला सामने आने से पहले ही दोनों भारत से भाग गए थे। इस धोखाधड़ी के मामले में इनको आर्थिक भगोड़ा घोषित किया गया था।
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इनके खिलाफ कई चार्जशीट दाखिल की थी। नीरव मोदी 19 मार्च 2019 से लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है। भारत के सरेंडर अनुरोध के बाद उसकी गिरफ्तारी हुई थी। लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट और हाई कोर्ट में उनके प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील भी खारिज हो चुकी है। लंदन की हाईकोर्ट ने पहले ही उसके सरेंडर को भारत सरकार के पक्ष में स्वीकृत कर दिया है। यह उसकी 10वीं जमानत याचिका थी, जो विफल रही।
मेहुल चोकसी भी किया जा चुका है गिफ्तार
नीरव का मामा मेहुल चोकसी भी पिछले महीने बेल्जियम के एंटवर्प में गिरफ्तार किया गया था। उसकी पहली जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने बेल्जियम को और सबूत भेजे हैं, जिससे उसकी जमानत की सुनवाई में भारत का पक्ष और मजबूत होगा।