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59 साल पहले तक मंगल पर रहते थे एलियन! फिर सामने आईं ये तस्वीरें और टूट गई नासा की उम्मीद

History Of The Day: हमारे सोलर सिस्टम का हिस्सा मंगल ग्रह यानी मार्स हमेशा से इंसानों के लिए इंटेरेस्टिंग रहा है। यह ऐसा ग्रह है जिसे रात के समय आसमान में टिमटिमाते देखा जा सकता है। लालिमा लिए चमकते इस ग्रह की सतह की पहली क्लोजअप तस्वीर आज ही के दिन साल 1959 में ली गई थी।

First Photos Of The Surface Of Mars
First Closeup Photos Of Mars : ऊपर आप जो तस्वीरें देख रहे हैं उन्हें देखकर तो ये बता पाना संभव नहीं है कि ये किसकी हैं। लेकिन, असल में ये तस्वीरें बेहद खास हैं। आपको बता दें कि यह मंगल ग्रह यानी मार्स की पहली क्लोजअप तस्वीरें हैं जो 59 साल पहले यानी 15 जुलाई 1965 को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मरीनर 4  स्पेसक्राफ्ट ने ली थीं। यह स्पेसक्राफ्ट इस लाल ग्रह के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारियां जुटाने के लिए भेजा गया था। इससे पहले वैज्ञानिकों के पास मंगल ग्रह की टेलीस्कोप से ली गई तस्वीरें ही थीं। आपको बता दें कि नासा को इस ग्रह से बहुत बड़ी उम्मीद थी लेकिन इन तस्वीरों ने उसे चकनाचूर कर दिया। इस रिपोर्ट में जानिए क्या है पूरा मामला। मंगल की सूर्य से दूरी 21 करोड़ 26 लाख 50 हजार किलोमीटर है। यह हमारे सौरमंडल के उन ग्रहों में से एक है जिन्हें अब तक सबसे ज्यादा एक्सप्लोर किया गया है। यह इकलौता ग्रह है जिसके लिए इंसानों ने एक्सप्लोरेशन के लिए रोवर भेजे हैं। सूर्य से दूरी के हिसाब से देखें तो यह सौर मंडल का चौथा ग्रह है। वहीं, आकार के मामले में 8वां ग्रह है। इसके 2 चंद्रमा हैं जिनके नाम फोबोस (Phobos) और डीमोस (Deimos) हैं। मंगल ग्रह पर एक दिन की अवधि 24 घंटों से कुछ ज्यादा होती है। इसका एक साल धरती के 687 दिनों के बराबर होता है यानी कि 687 दिनों में यह सूर्य का एक चक्कर पूरा करता है। इस ग्रह पर कई ज्वालामुखियों के साथ पूरे सौर मंडल की सबसे बड़ी घाटियां हैं। ये भी पढ़ें: तो इस वजह से कुछ लोगों को कभी नहीं हुई Covid-19 बीमारी! ये भी पढ़ें: दुनिया के 10 सबसे जहरीले जानवर; लिस्ट में सबसे नीचे है सांप!

क्या थी वो उम्मीद जो हो गई चकनाचूर?

अब बात करते हैं नासा की उस उम्मीद के बारे में जिसे 15 जुलाई 1965 को ली गई इन तस्वीरों ने तोड़ दिया था। दरअसल, इससे पहले हमारे पास मार्स की केवल टेलीस्कोप से ली गई तस्वीरें थीं। इनमें इसकी सतह पर कुछ गहरे पैच दिखते थे। इनके आधार पर माना जा रहा था कि मंगल ग्रह एलियंस का घर हो सकता है। लेकिन, मरीनर 4 ने जो तस्वीरें लीं उन्होंने बताया कि मंगल ग्रह असल में बंजर है। इसके साथ ही यह भी पता चला कि यहां पर जीवन होने की संभावना न के बराबर है। मार्स के लिए 8 महीने के सफर के बाद मरीनर 4 पहली बार इसके पास पहुंचा था। इस दौरान मार्स की तस्वीरें लेने के साथ ही ये किसी अन्य ग्रह की क्लोजअप फोटो लेने वाला पहला स्पेसक्राफ्ट बन गया था।

अभी भी इंसानों को बसाने की है उम्मीद

डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक्स के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स में असिस्टेंट प्रोफेसर डैनियल बैलिस के अनुसार मरीनर 5 की लेगेसी शानदार है। इसका मुख्य मिशन मंगल की क्लोजअप तस्वीरें लेना था। इसके पीछे का कारण यह जानना था कि क्या इस ग्रह पर जीवन हो सकता है। लेकिन, इन तस्वीरों ने दिखाया कि यह ग्रह असल में बड़े-बड़े गड्ढों से भरा हुआ है और यहां पर जीवन होने की उम्मीद न के बराबर है। पहले मार्स की सतह पर मौजूद गड्ढों को वेजिटेशन या नहरों की तरह देखा जा रहा था और माना जाता था कि यह ग्रह धरती की तरह ही हरियाली से भरा हो सकता है। हालांकि, इसकी उम्मीद अभी भी है कि मंगल पर इंसानों को बसाया जा सकता है। ये भी पढ़ें: आंख जैसे दिखने वाले इस ग्रह पर है जीवन? वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला अनोखा प्लैनेट ये भी पढ़ें: पेशाब बुझाएगी प्यास! अंतरिक्ष यात्रा की बड़ी दिक्कत हल कर देगा ये नया स्पेस सूट ये भी पढ़ें: क्या है पाकिस्तान के संविधान का आर्टिकल 6? इमरान खान को चढ़ा सकता है सूली!


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