ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में भारतीय सेना ने 9 आतंकी ठिकाने तबाह किए थे। इसके बाद से ही यह दावा किया जा रहा है कि वहां रेडिएशन लीक हो रहा है। इस मामले में अमेरिका ने भी चुप्पी साध रखी है। इस बीच अंतर्राष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी का इस मामले में बयान सामने आया है। एजेंसी ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान के किसी भी परमाणु केंद्र रेडिएशन या रिसाव की घटना नहीं हुई है।
उर्जा एजेंसी ने क्या कहा?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार परमाणु उर्जा एजेंसी के प्रेस विभाग केे प्रवक्ता ने कहा कि हम इस बारे में जानकारी है। एजेंसी के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार पाकिस्तान में किसी भी परमाणु ठिकाने से कोई रेडिएशन का लीकेज नहीं हो रहा है। इससे पहले सोशल मीडिया पर कुछ विदेश मीडिया संस्थानों द्वारा यह दावा किया जा रहा था कि भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर में किराना हिल्स को निशाना बनाया गया। जहां पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का भंडार है।
भारत ने हमले से किया इनकार
इससे पहले भारतीय वायुसेना के डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल एके भारती ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए मीडिया से कहा कि हमें इस बात की जानकारी नहीं थी कि किराना हिल्स में परमाणु हथियार रखे हैं, हमें इसकी जानकारी नहीं थी। हमने किराना हिल्स को निशाना नहीं बनाया। इस मामले को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान भी सामने आया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमारी सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक दायरे में थी।
अमेरिका बोला- हमें इसकी जानकारी नहीं
परमाणु उर्जा एजेंसी ने उन अटकलों को खारिज कर दिया जिनमें कहा जा रहा था कि रेडिएशन रिसाव के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ। मामले में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस समय मेरे पास इस मुद्दे पर कहने के लिए कुछ नहीं है।
ये भी पढ़ेंः Canada में बढ़ा भारत का मान, संसद में नई ऊंचाइयों पर पहुंचे भारतीय मूल के ये 4 नेता
1988 में भारत-पाक में हुआ ये समझौता
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत एयरफोर्स ने पाकिस्तान के सरगोधा और नूर खान एयरफोर्स बेस समेत एक दर्जन सैन्य ठिकानों पर हमला किया था। इन हमलों के बाद सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैली कि सरगोधा से 20 किलोमीटर दूर किराना हिल्स पर भी हमला हुआ जिससे रेडिएशन का रिसाव होना शुरू हो गया है। गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1998 में एक-दूसरे के परमाणु सुविधा केंद्रों पर हमला नहीं करने को लेकर समझौता हुआ था।
ये भी पढ़ेंः Operation Sindoor: ‘जैसे कोई दुम दबाकर भाग रहा हो…’, पूर्व पेंटागन अधिकारी ने खोली पाकिस्तान की पोल