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‘कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं, भारत-पाक खुद सुलझाएं’, PoK दौरे के बाद बोले अमेरिकी राजदूत

Kashmir Issue US ambassador Eric Garcetti: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के दौरे से लौटने के बाद भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कश्मीर मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। गार्सेटी ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे को हल करने में किसी तीसरे पक्ष की मदद की जरूरत नहीं है। इस मुद्दे […]

Kashmir Issue US ambassador Eric Garcetti: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के दौरे से लौटने के बाद भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कश्मीर मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। गार्सेटी ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे को हल करने में किसी तीसरे पक्ष की मदद की जरूरत नहीं है। इस मुद्दे को भारत पाकिस्तान ही मिलकर हल करे। गार्सेटी पीओके में गिलगित-बाल्टिस्तान के दौरे पर गए थे। वहीं, पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने भी गिलगित-बाल्टिस्तान की यात्रा की थी, जो रविवार को खत्म हुई। ब्लोम ने वहां विभिन्न हिस्सों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने एक मंत्री और स्थानीय विधानसभा के उपाध्यक्ष समेत कई अधिकारियों से मुलाकात की। पिछले साल अक्टूबर में भी ब्लोम ने पीओके का दौरा किया था। इस दौरान ब्लोम ने पीओके को आजाद जम्मू और कश्मीर बताया था, जिसके बाद भारत ने औपचारिक रूप से अमेरिका के सामने विरोध जताया था।

गार्सेटी ने ब्लोम के बयान पर दी ये प्रतिक्रिया

जब गार्सेटी से पत्रकारों ने ब्लोम की गिलगित-बाल्टिस्तान यात्रा के बारे में पूछा, तो उन्होंने जवाब दिया कि पाकिस्तान में संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत पर मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकता। मुझे पता है कि वे पहले भी पीओके का दौरा कर चुके हैं। वे निश्चित तौर पर हमारे प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। गार्सेटी ने कहा कि हम प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होने के नाते जुड़े रहेंगे लेकिन यह (पीओके) एक ऐसा मुद्दा है, जिसे हम बहुत गंभीर मानते हैं। इसे भारत और पाकिस्तान को हल करना चाहिए, न कि अमेरिका या फिर किसी अन्य तीसरे पक्ष की इसमें जरूरत है।

ब्लोम की हालिया पीओके यात्रा पर भारतीय अधिकारियों ने नहीं दी प्रतिक्रिया

फिलहाल, ब्लोम की गिलगित-बाल्टिस्तान हालिया यात्रा पर भारतीय अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में ब्लोम 2021 के बाद से दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान में ग्वादर के रणनीतिक बंदरगाह का दौरा करने वाले पहले सीनियर अमेरिकी राजनयिक बन गए। ब्लोम ने स्थानीय अधिकारियों और पाकिस्तान नौसेना के क्षेत्रीय कमांडर से मुलाकात की। बता दें कि ग्वादर बंदरगाह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का हिस्सा है, जिसकी गिलगित-बाल्टिस्तान में भी कई परियोजनाएं हैं।

खालिस्तानी नेता निज्जर की हत्या पर भी गार्सेटी ने दी ये प्रतिक्रिया

गार्सेटी से कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत सरकार के एजेंटों और 18 जून को खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के आरोप के बारे में भी पूछा गया था, हालांकि उन्होंने इस पर कोई विशेष टिप्पणी से इनकार कर दिया। गार्सेटी ने ट्रूडो के आरोप और निज्जर की हत्या पर अमेरिका की ओर से कनाडा के साथ खुफिया जानकारी साझा करने की रिपोर्ट के बारे में सवालों के जवाब में कहा कि किसी दूसरे देश पर मैं नहीं बोल सकता। उन्होंने ये भी कहा कि हम खुफिया मामलों या आपराधिक न्याय मामलों के बारे में बात नहीं करते हैं। अगले साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन के भारत के निमंत्रण को अमेरिका की ओर से स्वीकार करने पर एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए, गार्सेटी ने कहा कि हम अभी इस पर बात नहीं कर सकते हैं। निमंत्रण तो दे दिया गया है लेकिन उनका (जो बाइडेन) कार्यक्रम इतना पहले नहीं बनाया गया है।


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