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इस देश में पड़ गया चावल का अकाल! लोगों में मचा ‘हाहाकार’; विदेशी पर्यटकों पर लगा इल्जाम

Japan Rice Shortage: जापान इन दिनों चावल की किल्लत से जूझ रहा है। यहां पर के ज्यादातर स्टोर से चावल गायब है। इस तरह की शॉर्टेज की वजह से लोगों में काफी हड़बड़ी देखने को मिली है। लोग स्टोर पर जाकर देख रहे हैं कि आखिर सारा चावल कहां जा रहा है?

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Sep 1, 2024 09:12
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Japan rice shortage

Japan Rice Shortage: जापान में तूफान की चेतावनी के साथ एक हफ्ते की छुट्टी का ऐलान किया गया था। जिसकी वजह से वहां के लोगों ने जरूरत का सामान खरीदकर रखने का फैसला किया। इस दौरान जापानी नागरिक खरीददारी के लिए मार्केट जा रहे हैं, जहां पर देखने को मिल रहा है कि ग्रॉसरी स्टोर्स पर चावल ही नहीं है। चावल की कमी किसी एक दुकान पर नहीं है बल्कि हर जगह देखने को मिल रही है। लोग खाली स्टोर्स की फोटो डालकर सवाल कर रहे हैं कि आखिर जापान का चावल कहां गायब हो रहा है?

इस समस्या पर एएफपी ने टोक्यो में लोकप्रिय फ्रेस्को सुपरमार्केट की एक शाखा के हवाले से कहा गया कि हम इस गर्मी में चावल की सामान्य मात्रा का आधा ही खरीद पाए थे। तूफान के बीच खरीददारी ज्यादा हुई तो इसका स्टॉक बहुत जल्दी खत्म हो गया।

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क्यों हो रही चावल की कमी?

जापान के आहार में मुख्य चावल ही माना जाता है। यहां पर चावल का लगभग 100% उपभोग किया जाता है। जापान हर साल 100 टन से भी कम चावल का आयात करता है। जापानी सरकार ने मंगलवार को लोगों को चावल की खरीददारी में हड़बड़ी न करने की चेतावनी दी। जापान के कृषि मंत्री तेत्सुशी सकामोटो ने लोगों को शांत रहने की सलाह दी और कहा कि चावल की कमी की स्थिति जल्द ही हल हो जाएगी। जापान की अर्थव्यवस्था को हाल ही में काफी झटका लगा है, इसी बीच जापान का मेन आहार माना जाने वाला चावल खत्म हो गया है। कुछ रिपोर्ट्स में इसका जिम्मेदार विदेशी पर्यटकों को माना जा रहा है।

विदेशी खत्म कर रहे हैं चावल?

जापानी मीडिया की कुछ रिपोर्टों में चावल के खत्म होने की वजह विदेशी पर्यटकों को बताया जा रहा है। इस तरह के सवालों के बीच MAFF की प्रतिक्रिया सामने आई। जिसका अनुमान है औसत विदेशी को एक औसत जापानी व्यक्ति की तुलना में हर दिन 1.2 गुना ज्यादा कैलोरी की जरूरत होती है। जापान में अब हर महीने लगभग 3.2 मिलियन (32 लाख) पर्यटक आते हैं, जो औसत से 2.3 गुना ज्यादा है।

MAFF मंत्री सकामोटो तेत्सुशी का कहना है कि इस तर्क के आधार पर आने वाले पर्यटक हर साल 51,000 टन चावल खा रहे हैं, जो यह बहुत ज्यादा है। हालांकि, सकामोटो ने साफ किया कि हर साल खाए जाने वाले 7.02 मिलियन (लगभग 70 लाख) टन चावल की तुलना में यह एक बूंद के बराबर है,  यानी पर्यटक जो चावल खा रहे हैं वो खपत राष्ट्रीय कुल के 0.5% से भी कम है।

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News24 हिंदी

First published on: Sep 01, 2024 09:10 AM

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