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‘ये मेरी वसीयत और आखिरी पैगाम…’ गाजा में मारे गए अनस जमाल का खत हुआ वायरल

इजरायल के हमले में गाजा में रह रहे अल जजीरा के 5 पत्रकारों की मौत हो गई। अब इस टीम को लीड करने वाले अनस जमाल अल शरीफ का खत सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि उन्होंने इस खत को 6 अगस्त को लिखा था।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: Aug 11, 2025 23:59
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अनस जमाल अल शरीफ की फाइल फोटो

इजरायली सेना गाजा पर लगातार बमबारी कर रही है। इस हमले में अब तक सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा जा चुके हैं। रविवार को इजरायल के हमले में अल जजीरा के 5 पत्रकारों की मौत हो गई। अब इस टीम को लीड करने वाले अनस जमाल अल शरीफ का खत सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस खत को उन्होंने 6 अगस्त को लिखा था।

उन्होंने लिखा’, अल्लाह जानता है,’मैंने अपनी पूरी ताकत से बेसहारा और मजलूम लोगों की आवाज बनने की पूरी कोशिश की है। मेरी ख्वाहिश थी कि मैं गाजा में शांति के बाद अपने असली वतन असकलान लौट सकूं, लेकिन ये मुम्किन नहीं हो पाया। मैंने मजलूमों के दर्द को बहुत करीब से देखा है। उनकी तकलीफ और अपनों के खोने का गम क्या होता है? ये मुझे गाजा आने पर पता चला।’

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बम भी हमे चुप नहीं करा पाए

अनस जमाल अल शरीफ ने खत में आगे लिखा कि मैं आपसे फिलिस्तीन की रक्षा करने की विनती करता हूं, जो मुसलमानों के दिल की धड़कन है। इसके लोगों की, खासकर उन मासूम बच्चों की रक्षा करें, जिन्हें जीवन में सपने देखने या शांति से जीने का पर्याप्त समय नहीं दिया गया। हजारों टन बमों और मिसाइलों के भार से उनके शरीर कुचले गए, टुकड़े-टुकड़े करके बिखेर दिए गए। फिर भी हम आज शोर मचाकर तुम्हारे नरसंहार के बारे में दुनिया को बता रहे हैं। अपनी जुबान को कभी कैद न होने दें, सीमाओं को कभी अपने रास्ते में बाधा न बनने दें। हमारी छीनी हुई मातृभूमि पर आजादी और सम्मान का सूरज तब तक नहीं उगेगा जब तक तुम उसके लिए पुल नहीं बनोगे।

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अनस ने खत में किया परिवार का जिक्र

उन्होंने खत में आगे लिखा कि मेरी प्यारी बेटी शाम का ख्याल रखना, जिसे मैं उतना बड़ा होते नहीं देख पाया जिसके मैंने सपने देखे थे। मेरे प्यारे बेटे सलाह का ख्याल रखना। मैं उसका सहारा, उसका साथी बनना चाहता था, जब तक कि वह बड़ा होकर मेरा बोझ न उठा ले और मेरे मिशन को आगे न बढ़ाए। मेरी मां का ख्याल रखना, जिनकी दुआओं की बदौलत मैं यहां तक पहुँचा हूं। मेरी जीवन साथी उम्मे सलाह बय्यान का ख्याल रखना, जिन्हें युद्ध ने कई दिनों और महीनों तक मुझसे अलग रखा, लेकिन वह जैतून के पेड़ की तरह वफादार और मजबूत रहीं। अल्लाह के बाद उनके साथ खड़े रहना, उनका सहारा बनना।

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मुझे भी अपनी दुआओं में याद रखना

अनस ने आगे लिखा कि मैं अल्लाह को गवाह मानता हूँ कि मैं उनके फ़ैसले से खुश हूँ। मुझे उनसे मिलने पर यकीन है जो अल्लाह के पास है, वह इससे बेहतर है और हमेशा रहेगा। ऐ अल्लाह मेरे खून को मेरे समाज और परिवार के लिए आजादी का उजाला बना दो। अगर मैं कहीं चूक गया हूँ तो मुझे माफ कर देना। मेरे लिए दया की प्रार्थना करो क्योंकि मैं अपने वादे पर अटल रहा हूं। मैंने अपना वादा नहीं बदला। अंत में गाजा को मत भूलना और मुझे भी अपनी दुआओं में याद रखना।

First published on: Aug 11, 2025 09:57 PM

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