भारत-चीन सबंधों में लगभग पांच साल के बाद सीधी यात्रा हवाई सेवा शुरू करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। जनवरी में दोनों पड़ोसी देशों ने बिजनेस और आर्थिक मतभेदों को सुलझाने के लिए काम करने पर सहमति जताई थी। जिससे उनके विमानन क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। मुख्य रूप से चीन के विमानन क्षेत्र को, जो 2020 में कोविड महामारी से जूझ रहा था और उसको उभरने में अन्य देशों से पीछे रहा है।
5 साल बाद भारत-चीन सीधी उड़ानें पर कर रहें बातचीत
चीन-भारत संबंधों में सौम्य का संकेत देत हुए, कोलकाता में चीनी कांसुलेट जनरल शू वेई ने कहा कि दोनों देश सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए लगातार बातचीत कर रहे हैं, जबकि कोविड-19 महामारी और उसके बाद सीमा पर हुए संघर्षों के कारण पांच साल पहले ये उड़ानें रोक दी गई थीं। वेई ने एक प्रेस-कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोविड से पहले दोनों देशों ने बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझू और कुनमिंग से नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अन्य शहरों के लिए सीधी उड़ानें शुरू की थीं, जिनमें एक हफ्ते में 50 उड़ानें शामिल थीं।
2020 में भारत-चीन के बीच तकरार
बता दें कि वर्तमान में दोनों देशों के बीच जल्द ही सीधी यात्रा हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने पर काम कर रहे हैं। सिविल एविएशन सेक्रेटरी वुमलुनमांग वुअलनम ने नई दिल्ली में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन और चीन में हमारे आमने-सामने बीच एक दौर की बैठक हो चुकी है, उन्होंने कहा कि अभी भी कुछ मुद्दे हल किये जाने बाकी हैं। हिमालय में सीमा पर सैनिकों के बीच 2020 में हुई संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में तकरार आ गई। जिसमें कम से कम 20 भारतीय सैनिक और 4 चीनी सैनिक मारे गए थे।
सिर्फ मालवाहक उड़ानें जारी रहीं
भारत ने देश में निवेश करने वाली चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए। सैकड़ों पॉपुलर ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगा दिए और यात्री मार्गों में कटौती कर दी लेकिन सीधी मालवाहक उड़ानें जारी रहीं । बता दें कि हिमालय पर्वतीय सीमा पर सैन्य गतिरोध को कम करने के लिए अक्टूबर महीने में हुए एक समझौते के बाद से दोनों देशों के संबंधों में सुधार देखने को मिला है। यह वही महीना है जब राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच रूस में बातचीत हुई थी।