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‘Horned’ comet…पृथ्वी की ओर बढ़ रहा माउंट एवरेस्ट से 3 गुना बड़ा धूमकेतु, वैज्ञानिकों के लिए बढ़ी टेंशन!

Horned comet move towards earth: ब्रिटिश एस्ट्रोनॉमिकल एसोसिएशन ने चार महीने में दूसरी बार कॉमेट विस्फोट को लेकर जानकारी साझा की है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि धूमकेतु विस्फोट हुआ है। आखिरी खगोलीय घटना जुलाई के बाद अब पृथ्वी की ओर बड़ा धूमकेतु आ रहा है।

Horned comet move towards earth: ब्रिटिश एस्ट्रोनॉमिकल एसोसिएशन की ओर से बताया गया है कि पृथ्वी की ओर माउंट एवरेस्ट से 3 गुना बढ़ा धूमकेतु आ रहा है। यह एक हॉर्न्ड कॉमेट यानी 'सींग' के आकार वाला धूमकेतु है। जो चार महीने की अवधि के दौरान दूसरी बार फटा है। यह लगातार पृथ्वी की ओर आ रहा है। इस धूमकेतु का नाम वैज्ञानिकों ने 12पी/पोंस-ब्रूक्स बताया है। जो एक क्रायोवोल्केनिक या ठंडा ज्वालामुखी वाला धूमकेतु कहा जा सकता है। यह भी पढ़ें-Saumya Viswanathan Murder Case: टैटू से हत्यारों तक पहुंची पुलिस, जिगिशा के क्रेडिट कार्ड से बदमाशों ने की थी शॉपिंग इसका व्यास लगभग 30 किलोमीटर (18.6 मील) बताया गया है। इसमें आखिरी बार 5 अक्टूबर को ब्लास्ट हुआ था। चार महीने में ही इसमें दो ब्लास्ट हो चुके हैं। यानी आखिरी खगोलीय घटना जुलाई की बताई गई है। ब्रिटिश एस्ट्रोनॉमिकल एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि वे इस धूमकेतु पर बारीकी से निगाह रख रहे हैं। विस्फोट के बाद धूमकेतु के आसपास गैस के बड़े बादल बन गए हैं। इसके कोमा से लाइट रिफ्लैक्ट हो रही है, उससे यह दर्जनों गुना तक अधिक चमकता दिख रहा है।

दो सींगों का होने के पीछे वैज्ञानिकों के तर्क अलग

धूमकेतु का कोमा बढ़ जाने के कारण इस पर अजीबोगरीब सींग यानी हॉर्न्ड जैसी आकृति उभर गई है। कई वैज्ञानिकों ने कहा है कि ये धूमकेतू विज्ञान कथा के अंतरिक्ष यान जैसा भी दिख रहा है। जैसे स्टार वार्स से मिलेनियम फाल्कन दिखता है। सींगों जैसी आकृति क्यों बनी, इसका कारण पता नहीं लग सका है। वैज्ञानिक मानते हैं कि ये 12P के नाभिक के आकार से हो सकता है। ब्रिटिश एस्ट्रोनॉमिकल एसोसिएशन के रिचर्ड माइल्स ने एक रिपोर्ट में जानकारी दी है कि दो सींगों का कारण कहीं न कहीं क्रायोवोल्केनिक वेंट हो सकता है। ऐसा तब होता है, जब रुकावट के कारण कोई सामग्री एक अजीब प्रवाह की तरफ बाहर चली जाए। धूमकेतु 2024 तक भी अपने निकटतम बिंद तक अर्थ तक नहीं आ सकेगा। लेकिन ये नग्न आंखों से भी दिख सकता है। यह भी पढ़ें-YOUTUBE VIDEO लाइक करने से भी खाली हो सकता है खाता, कैसे बचें साइबर ठगों के नए जाल से? जिसके बाद इसको वापस सौरमंडल में ले जाया जाएगा। जो 2095 तक दोबारा ब्रह्मांडीय ट्रैवल नहीं कर सकेगा। 69 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी आकाशीय वस्तु में ब्लास्ट हुआ हो। 20 जुलाई के बाद दूसरी बार ब्लास्ट हो चुका है। अगर यह धूमकेतु अगले साल तक ब्लास्ट करता रहता है, तो काफी आकर्षित बन सकता है। इसकी खोज सबसे पहले जीन-लुई पोंस ने 12 जुलाई 1812 को की थी। अभी तक सक्रिय ठंडे ज्वालामुखी 20 सामने आ चुके हैं। इसे भी उनमें से एक माना जा रहा है।


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