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बलात्कारी का ठप्पा लगाकर पुलिस ने छीन ली ‘जवानी’, फिर एक दिन अचानक बदल गई कहानी

Jailed for Decade on False Rape Charges: फरीद अल हैरी... ये वो नाम है जिसने अपनी जवानी का वक्त एक दोषी बलात्कारी के रूप में बिताया। फिर एक दिन उसकी कहानी बदल जाती है और अचानक से दोषमुक्त कर दिया जाता है।

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Oct 9, 2023 12:48
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Farid Al Harri, Fake Rape Case, France News, World News

Jailed for Decade on False Rape Charges: फरीद अल हैरी… ये वो नाम है जिसने अपनी जवानी का वक्त एक दोषी बलात्कारी के रूप में बिताया। फिर एक दिन उसकी कहानी बदल जाती है और अचानक से दोषमुक्त कर दिया जाता है। अब 42 साल के इस शख्स का कहना है कि उसे नस्लीय भेदभाव का शिकार होना पड़ा। उस पर कोई भी आरोपी सिद्ध नहीं हुआ, लेकिन उसने फिर भी इसकी सजा काटी।

न्यूज साइट द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार ये मामला फरवरी 1999 का है। उत्तरी फ्रांस में रहने वाले फरीद अल हैरी के घर पर फोन की घंटी बजी। एक ग्रामीण पुलिस अधिकारी लाइन पर था और पूछ रहा था कि क्या वह बातचीत के लिए जेंडरमेरी में आ सकता है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ भी गंभीर नहीं है। बस तुम आ जाओ।

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17 साल का दुबला-पलता लड़का पहुंचा पुलिस स्टेशन

इसके बाद फरीद पुलिस स्टेशन के लिए चल दिए। रास्ते में उन्होंने नाश्ते के लिए कुछ खरीदा। नाश्ते को खाते-खाते 17 साल का एक दुबला-पलता लड़ता पुलिस स्टेशन पहुंचा। इसके बाद वह कई साल तक घर नहीं लौटा। उसे बताया गया था कि उसके घर के पास में रहने वाली 15 साल की एक लड़की ने उस पर यौन उत्पीड़न और बलात्कार का आरोप लगाया है। फरीद ने कहा कि वह उस लड़की को सिर्फ जानता है कि वह उसके घर के पास ही रहती है। हालांकि पुलिस के पास फरीद के खिलाफ कोई सबूत नहीं था। सिर्फ एक शब्द था कि उस पर ‘आरोप’ है।

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बदनाम जेल में फरीद को रखा बंद

जेंडरमेरी में एक रात बिताने के बाद उसे पास की एक जेल में भेज दिया गया जो भीड़भाड़, नशीली दवाओं के उपयोग और आत्महत्या के लिए बदनाम थी। इस दर्दनाक स्थिति में फरीद ने अगले 11 महीने और 23 दिन बिताए। 2003 में एक मुकदमे में जूरी ने फरीद को दोषी पाया और उसे पांच साल जेल की सजा सुनाई। फरीद कहते हैं कि ये वो समय था जब उन्होंने कैंसर जैसे हालातों को झेला।

फरीद आज 42 साल के हैं और एक मोरक्कन आप्रवासी के बेटे हैं। उन्हें संदेह है कि एक श्वेत नागरिक पर भी इसी तरह के कमजोर सबूतों के आधार पर आरोप लगाए गए। उन्होंने कहा कि रिपोर्टों और अदालती फैसलों के बढ़ते मामलों से पता चलता है कि पुलिस की ओर से नस्लीय प्रोफाइलिंग फ्रांस में एक गंभीर और अनसुनी समस्या है।

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23 साल बाद फिर आया एक कॉल

23 वर्षों तक फरीद ने ने उस गुस्से को दबाए रखा। एक दिन फिर से वहीं कॉल आया। इस कल के बाद पिछले साल उनके परिवार के ईद-उल-फितर को बिगाड़ दिया। ये वही पुलिस थी। उन्हें पता चला कि उनके मामले में कुछ विकास हुआ है। बताया गया कि जिस लड़की ने आरोप लगाए थे, वह अब मां बन चुकी है। उसके बयान से उसके आरोपों की कहानी बदल गई है।

1999 की उस सुबह जेंडरमेरी में बैठे हुए फरीद ने मान लिया कि यह एक गलती थी। उसके परिवार ने भी ऐसा ही किया। उनके चचेरे भाई एंजेलिक वानहेके ने कहा कि यह असंभव था। वह कभी लड़कियों से बात भी नहीं करता था, लेकिन समय के साथ, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, वैसे-वैसे कहानी बदलती गई।

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Edited By

Naresh Chaudhary

First published on: Oct 09, 2023 12:48 PM

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