Donald Trump Unconditional Discharge: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अदालत ने हश मनी केस में बिना शर्त रिहाई दे दी है। इसी के साथ ट्रंप पर चल रहा मुकदमा खत्म हो गया और उन्हें कोई सजा नहीं मिली। हालांकि कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर ये बिना शर्त रिहाई कैसे होती है? तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से…
पिछले साल अप्रैल का केस
अप्रैल 2024 के एक मुकदमें पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को मैनहट्टन क्रिमिनल कोर्ट के जज जुआन मर्चेन ने डोनाल्ड ट्रंप को बिना शर्त बरी कर दिया। इसी के साथ ट्रंप के राष्ट्रपति बनने ता रास्ता साफ हो गया है। अब वो 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
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क्या था हश मनी मामला?
बता दें कि ट्रंप पर चल रहे मामले को हश मनी केस के नाम से जाना जाता है। दरअसल ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 130,000 डॉलर का भुगतान किया था और इस राशि को छिपाने की कोशिश की थी। ट्रंप ने इस मामले को झूठा करार दिया है, तो वहीं अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए बिना शर्त रिहा कर दिया है।
बिना शर्त रिहाई कैसे?
अमूमन हश मनी केस में ट्रंप को लगभग 4 साल की सजा हो सकती थी। मगर जज जुआन मर्चेन ने ट्रंप को बरी कर दिया। इसकी के साथ उन्होंने ट्रंप पर चल रहे केस को भी खत्म कर दिया। ऐसे में ट्रंप दोषी माने जाएंगे। बेशक उन पर मुकदमा नहीं चलेगा और न ही उन्हें सजा होगी। मगर इसका मतलब यह नहीं कि ट्रंप दोषी नहीं होंगे। ट्रंप अमेरिका की पहले राष्ट्रपति होंगे, जिन्हें अदालत ने अपराधी घोषित किया है।
अमेरिका का पहला ऐसा मामला- जज
हश मनी केस में सुनवाई के दौरान जुआन मर्चेन ने कहा कि इससे पहले अदालत के सामने ऐसा कोई मामला नहीं आया था। ट्रंप को मिलने वाली सहुलियत अमेरिका के राष्ट्रपति पद को दी जाने वाली कानूनी सुरक्षाओं के तहत है न कि किसी उस व्यक्ति के लिए जो उस पद पर बैठा है। हालांकि ट्रंप का कहना है कि वो पूरी तरह से निर्दोष हैं। यह उन्हें फंसाने की राजनीतिक साजिश है।
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