China Advice On India vs Bharat Renaming Row: देश के नाम इंडिया बनाम भारत के विवाद के बीच दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारी पूरी हो चुकी है। इसमें अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन समेत अन्य देशों के प्रमुख शामिल होंगे। ऐसे में देश के नामकरण विवाद में बेवजह चीन कूद गया है। चीन का कहना है कि भारत जी-20 का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रभाव को बढ़ाने के मौके के तौर पर कर रहा है। ऐसे में भारत को नाम से अधिक महत्वपूर्ण चीजों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
मुखपत्र में छापा लेख
चीन ने अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के जरिए कहा, क्या भारत अपनी आर्थिक प्रणाली में व्यापक सुधार कर सकता है या नहीं? आर्थिक प्रणाली में क्रांतिकारी सुधार की आवश्यकता है। भारत क्रांतिकारी विकास बिना क्रांतिकारी सुधार के हासिल नहीं कर सकता है।
दिल्ली क्या देना चाहती है संदेश?
चीन ने कहा कि जी-20 सम्मेलन से भारत का नाम पूरी दुनिया में होगा। वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है। इस मौके को भारत बेहतर तरीके से भुना सकता है। ऐसा करके वह अपने प्रभाव को विकास की दिशा में बदल सकता है।
चीन ने पूछा कि ऐसे समय में जब दुनिया की नजर जी-20 शिखर सम्मेलन पर है, ऐसे में नई दिल्ली दुनिया को क्या संदेश देना चाहती है? ऐसा लगता है कि सरकार देश का नाम बदलकर औपनिवेशिक युग के नामों को खत्म करने के प्रयास कर रही है।
नाम बदलने से ज्यादा ये महत्वपूर्ण
1991 के बाद हुए आर्थिक सुधारों की बात की जाए तो मोदी सरकार भारत में सबसे महत्वाकांक्षी सरकारों में से एक है। लेकिन दुर्भाग्य से भारत तेजी से व्यापार संरक्षणवाद की ओर बढ़ रहा है। ये सब देश का नाम बदलने से भी अधिक महत्वपूर्ण हैं।
इसके अलावा, कुछ चीनी कंपनियों पर भारत की हालिया सख्त कार्रवाई का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के लिए अपने बाजार पूरी तरह से खोलने में भारत की झिझक समझ में आती है, लेकिन 1947 के बाद का इतिहास हमें बताता है कि हर बार भारत सुधार और आर्थिक उदारीकरण को बढ़ावा देता है। आर्थिक विकास को मजबूत प्रोत्साहन देता है।
तो इसलिए बौखलाया चीन
जी20 की अध्यक्षता पर भारत को सलाह देते हुए चीन ने कहा कि भारत को अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार करने, अपने खुलेपन का विस्तार करने, विदेशी निवेश को आकर्षित करने और विदेशी निवेशकों के लिए उचित कारोबारी माहौल प्रदान करने के दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करने के लिए जी-20 की अध्यक्षता का उपयोग करना चाहिए और इन उपायों को धीरे-धीरे लागू करना चाहिए।
क्यों उठा इंडिया बनाम भारत का विवाद
दरअसल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से जी-20 डिनर के लिए निमंत्रण भेजे जाने के बाद देश में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया। निमंत्रण पत्र पर द्रौपदी मुर्मू को इंडिया के बजाय भारत का राष्ट्रपति दर्शाया गया।
बीजेपी नेताओं ने देश का नाम बदलने की उठाई मांग
पिछले दिनों कई बीजेपी नेताओं ने देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करने की मांग उठाई थी। हाल ही में संसद के मानसून सत्र में भाजपा सांसद नरेश बंसल ने राज्यसभा में कहा था कि इंडिया नाम औपनिवेशिक गुलामी का प्रतीक है और इसे संविधान से हटा दिया जाना चाहिए। इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में इस बात पर जोर दिया था कि लोग इंडिया की जगह भारत का इस्तेमाल करें।
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