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17 साल की लड़की की दर्दनाक मौत, हुई थी इस दुर्लभ बीमारी की शिकार

British Girl Leah Rogers Died: गले में होने वाली सामान्य सी परेशानी टॉन्सिलाइटिस से किसी की जान भी जा सकती है। यह सुनने में थोड़ा अजीब लगे, लेकिन यह सच है। वहीं, यह भी सच है कि यह सिर्फ शुरुआत थी। ब्रिटेन में 17 वर्षीय लिआ रोजर्स ने पहले टॉन्सिलाइटिस फिर एक दुर्लभ रक्त विकार […]

Edited By : jp Yadav | Updated: Sep 4, 2023 14:23
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British Girl Leah Rogers Died
British Girl Leah Rogers Died

British Girl Leah Rogers Died: गले में होने वाली सामान्य सी परेशानी टॉन्सिलाइटिस से किसी की जान भी जा सकती है। यह सुनने में थोड़ा अजीब लगे, लेकिन यह सच है। वहीं, यह भी सच है कि यह सिर्फ शुरुआत थी। ब्रिटेन में 17 वर्षीय लिआ रोजर्स ने पहले टॉन्सिलाइटिस फिर एक दुर्लभ रक्त विकार के चलते अपनी जान गंवा दी। उधर, बेटी की इस तरह अचानक मौत से माता-पिता भी सकते में हैं, वहीं दोस्तों ने उसकी याद में टैटू करवाया है।

मई में हुआ था टॉन्सिलाइटिस

वेल्स में ब्रिटन फेरी की लिआ रोजर्स पिछले साल मई में दोस्तों के साथ मालोर्का के पाल्मा नोवा का दौरा करने के बाद बीमार पड़ गई। कुछ दिन तक गले में सामान्य दर्द रहा, लेकिन जल्द ही उनकी स्थिति बिगड़ गई। इलाज के दौरान वह एक दुर्लभ रक्त विकार की शिकार हो गई और आखिरकार उसने दुनिया को अलविदा कह दिया। शुरुआत में टॉन्सिलाइटिस पाया गया था, लेकिन वह गंभीर और दुर्लभ रक्त विकार की भी शिकार हो गई थी।

पेन किलर्स ने बढ़ाई परेशानी

उधर, हालात ज्यादा खराब होने पर सप्ताह में दो बार अस्पताल ले जाने के बावजूद लिआ की हालत खराब होने लगी। इस बारे मं मां कैथ ने बताया कि यह स्थिति तब बनी जब गलती से लिआ ने पेरासिटामोल की अधिक मात्रा ले ली। इससे पहले उसने बहुत अधिक दर्द निवारक दवाएं ले ली थीं। डॉक्टरों ने अनुसार, इन पेनकिलर्स ने लिआ की सेहत पर नकारात्मक असर डाला।

एंटीबायटिक दवाई भी रही बेअसर

इस बीच कई दिनों तक लिआ की हालत में कोई सुधार नहीं होने पर उसे एंटीबायटिक दवाओं का एक अलग कोर्स दिया गया। वहीं, मां कैथ को एहसास हुआ कि अस्पताल ने उसे निर्धारित 10 दिनों के लिए पर्याप्त गोलियां नहीं दी हैं, तो वह अकेले अस्पताल लौट आई। उसे बताया गया कि और दवा देने के लिए लिआ को उसके साथ जाना होगा।

नहीं मिला आराम

मां कैथ ने बताया कि हमें उम्मीद थी कि बेटी लिआ को दवाइयों और इलाज से आराम मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी बीच मंगलवार तक उसके पेट में दर्द हो रहा था। जब डॉक्टर उसे देखने आए तो उन्होंने कहा उसे बुखार है। उधर, गले में दर्द के कारण लिआ कुछ खा-पी नहीं रही थी।

उधर, इलाज कर रहे डॉक्टरों ने माता-पिता को विश्वास दिलाया कि जैसे ही वह खा-पी सकेगी, वह घर जा सकती है। अगले दिन यानी बुधवार को डॉक्टरों ने लिआ के माता-पिता को बताया कि रक्त परीक्षण से पता चला है कि उसका लीवर खराब हो गया है और उसकी स्थिति वहीं से बिगड़नी शुरू हो गई।

स्थिति अधिक खराब होने पर लिआ को ब्रिजेंड के प्रिंसेस ऑफ वेल्स अस्पताल में गहन देखभाल में ले जाया गया, जहां हलात और खराब हो गई। इसके तुरंत बाद लिआ को बर्मिंघम के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में स्थानांतरित करने से पहले जीवन रक्षक प्रणाली यानी वेंटिलेटर पर रखा गया था।

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जांच में पता चला कि वह हेमोक्रोमेटोसिस से पीड़ित थी। यह एक एबनॉर्मल मेटाबॉलिक डिसऑर्डर होता है। इसके चलते  लीवर में काफी आयरन जमा हो जाता है और फिर लिवर काम ही करना बंद कर देता है। बताया जा रहा है कि इसी बीमारी से लिआ भी पीड़ित थी और वह अपने 18वें जन्मदिन से ठीक तीन महीने पहले यानी 7 जून को दुनिया को अलविदा कह गई।

लिआ के 58 वर्षीय पिता ह्यू का कहना हैकि स्थिति की वास्तविकता ने हमें एहसास कराया कि जीवन को कभी भी हल्के में न लें। लोगों को यह एहसास नहीं होता कि जब तक वह छीन न लिया जाए।

 

First published on: Sep 04, 2023 02:23 PM

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