The Elephant Whisperers: ऑस्कर विजेता डॉक्यूमेंट्री द एलिफेंट व्हिस्पर्स से दुनिया में मशहूर हुए आदिवासी दंपति बोम्मन और बेली के साथ फिल्म निर्माताओं ने धोखा कर दिया है। उनका आरोप है कि फिल्म की डायरेक्टर कार्तिकी गोंसाल्वेस ने मुआवजे के रुप में एक घर, एक गाड़ी और एक फाइनेंशियल राशि देने का वादा किया था, जो फिल्म से होने वाली कमाई के आधार पर तय होनी थी। लेकिन उन्होंने अब देने से मना कर दिया है। महावत जोड़े ने कार्तिकी को दो करोड़ रुपए की गुडविल अमाउंट की मांग करते हुए लीगल नोटिस भेजा है।
दरअसल, द एलिफेंट व्हिस्परर्स बोम्मन और बेली पर बनाई गई है। ये दोनों तमिलनाडु के मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में हाथियों और रघु नाम के एक हाथी के बच्चे की देखभाल करते हैं। फिल्म ने मार्च में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र लघु फिल्म का ऑस्कर जीता है। द गार्जियन के अनुसार, दंपति ने शनिवार को एक कानूनी याचिका दायर की है जिसमें गोंसाल्वेस पर उन्होंने वादा खिलाफी करने का आरोप लगया है। वे गोंसाल्वेस से 20 मिलियन रुपये की मांग कर रहे हैं।
पीएम और राष्ट्रपति से की थी मुलाकात
द एलिफेंट व्हिस्पर्स का ऑस्कर जीतना हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण था। रातों-रात बोम्मन और बेली की जोड़ी मशहूर हो गई। तमाम हस्तियों ने उनके काम को सराहा। उन्हें सम्मानित करने के लिए कई पुरस्कार समारोह आयोजित किए गए। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बोम्मन-बेली से मुलाकात की थी। दोनों ने अप्रैल में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। हाल ही में 19 जुलाई को दंपति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में हिस्सा लिया, जिसमें गोंसाल्वेस भी उपस्थित थीं।
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अब फोन भी नहीं उठा रहीं कार्तिकी
चेन्नई के सोशल एक्टिविस्ट प्रवीण राज ने कहा कि वे बोम्मन-बेली को जानते हैं। उन्होंने फिल्म के प्रचार में काफी मदद की थी। लेकिन दोनों को कोई मुआवजा नहीं मिला। प्रवीण कहते हैं कि उम्मीद यह थी कि जब फिल्म अच्छा प्रदर्शन करेगी तो उन्हें भी आर्थिक मुनाफा होगा। इसके बजाय बोम्मन के फोन करने पर गोंसाल्वेस फोन भी नहीं उठा रही हैं।
गोंसाल्वेस बोलीं- कोई भी दावा सच नहीं
कार्तिकी गोंसाल्वेस ने बोम्मन और बेली के आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ सभी दावे झूठे हैं। डॉक्यूमेंट्री की सफलता राष्ट्रीय गौरव का क्षण थी, जिसने बोम्मन और बेली जैसे महावतों के काम को व्यापक मान्यता दी है। उनके सभी दावे झूठे हैं।
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