Australia News: ऑस्ट्रेलिया में एक महिला को 5 लाख डॉलर (41781461 रुपये) की बीमा राशि हड़पने के लिए खुद की मौत का नाटक करना महंगा पड़ गया। पुलिस ने महिला को अरेस्ट किया था। जिसके बाद महिला के ऊपर लगे आरोप सही पाए गए। अब कोर्ट महिला को सजा देगी। महिला ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बीमा लेने के लिए दिया था। बताया जा रहा है कि महिला एक जिम चलाती है। महिला ने अपनी मौत का नाटक कर खुद को उसके साथी के तौर पर पेश किया था।
आरोपी महिला की पहचान 42 वर्षीय केरेन सैल्किल्ड के तौर पर हुई है। महिला को अपने साथी के नाम पर बीमा दावा दायर करने पर मार्च में अरेस्ट किया गया था। जिसमें महिला ने खुद की मौत कार एक्सीडेंट में होने का झूठा दावा किया था। दावे में मृत्यु की जांच के रिकॉर्ड, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के कोरोनर कोर्ट का प्रतिनिधि पत्र दिया गया था। लेकिन जांच में ये सभी दस्तावेज फर्जी मिले।
F45 instructor Karen Salkilld caught faking her own death in Perth: A woman who reportedly died in a car crash in Western Australia last December had actually faked her own death to claim more than $700,000 in life insurance.… https://t.co/SYZFdckRdP #dailymail #news #Perth
— WhatsNew2Day (@whatsn2day) June 21, 2024
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इससे पहले ही बीमा कंपनी ने महिला के साथी के तौर पर खोले गए खाते में 477520 डॉलर (39902966 रुपये) ट्रांसफर कर भी दिए थे। सैल्किल्ड के बैंक ने पैसा ट्रांसफर होने के बाद संदिग्ध खाते की जांच की थी। जिसके बाद खाते को सीज कर दिया गया। इसके बाद महिला ने पैसा हासिल करने के लिए पाल्मेरा पुलिस स्टेशन में इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी। कई फर्जी पहचान पत्र दिए, जिन्हें एक अधिकारी द्वारा प्रमाणित किया गया था। लेकिन ये सब नाटक महिला के काम नहीं आया।
आखिर पुलिस को पता लग ही गई असलियत
पुलिस को उसकी असलियत पता लग गई थी। क्योंकि बैंक में जमा दस्तावेज और इनमें मिलान नहीं हो पाया था। जब पत्रकारों ने फर्जीवाड़ा करने के बारे में सैल्किल्ड से पूछा तो उसने बात करने से मना कर दिया। सैल्किल्ड ने अपनी पहली पेशी में ही दो अपराधों में शामिल होने की बात मजिस्ट्रेट के समक्ष कबूल कर ली थी। अब कोर्ट ने भी महिला को दोषी करार दिया है। उसे अगले महीने सजा सुनाई जा सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार सैल्किल्ड को फर्जीवाड़ा करने पर 7 साल तक की जेल हो सकती है। मामले की अंतिम सुनवाई पर्थ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में होनी है।