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Asif Ali Zardari: साले की हत्या, जेल और भ्रष्टाचार; Pak राष्ट्रपति का है विवादों से पुराना नाता

Asif Ali Zardari: आसिफ अली जरदारी दूसरी बार पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने हैं। 2008 में वह पहली बार राष्ट्रपति बने थे विभिन्न आपराधिक मामलों के चलते वह लगभग आठ साल से ज्यादा जेल में भी रह चुके हैं। 1996 में आसिफ अली जरदारी पर अपने साले मुर्तजा की हत्या करने का आरोप लगा था। बाद में वह इस मामले में बरी हो गए थे।

Edited By : Amit Kasana | Mar 10, 2024 07:00
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Asif Ali Zardari
आसिफ अली जरदारी

Asif Ali Zardari: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति चुने गए हैं। जरदारी का विवादों से पुराना नाता रहा है। सितंबर साल 1996 में सबसे पहले उन पर अपने साले मुर्तजा की हत्या करने का आरोप लगा था। बता दें मुर्तजा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के भाई थे। 9 मार्च को जरदारी दूसरी बार पाकिस्तान के राष्ट्रपति चुने गए हैं, उन्होंने सीनेट के संयुक्त सत्र में 255 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की है।

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जरदारी पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद गिरी सरकार

बताया जाता है कि मुर्तजा को कराची में पुलिस ने मार था, इसके पीछे जरदारी का हाथ होने का आरोप था। उस समय बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की प्रधानमंत्री थीं। लेकिन हत्याकांड की जांच के दौरान जरदारी पर कई मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे। पुलिस ने उन्हें हत्या समेत भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार किया गया और भुट्टो की सरकार गिरा दी गई।

पहले बरी, फिर सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह आदेश 

दुबई से वापस लौटने के बाद जरदारी फिर राजनीति में सक्रिय हो गए और 6 सितंबर 2008 को पाकिस्तान के राष्ट्रपति चुने गए। जिसके बाद पाकिस्तान कोर्ट ने उन्हें सभी आपराधिक मामलों में बरी कर दिया। लेकिन उनसे जुड़े विवादों का मामला यहीं ही नहीं रुका। सैन्य सहायता बंद करने और भ्रष्टाचार समेत अन्य विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में उन पर फिर भ्रष्टाचार की धाराओं में मामला दर्ज करने का आदेश दिया।

पहले राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल रहा विवादित

तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को मानने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में उन्हें कोर्ट की अवमानना के आरोप में बर्खास्त कर दिया। जरदारी की परेशानी यहां तक ही नहीं रुकी। 2013 में आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान के अलग-अलग इलाकों में कई धमाके किए। जिसके बाद जरदारी को बलूचिस्तान में अपनी प्रोविजनल सरकार को बर्खास्त करना पड़ा। फिर 2013 के आम चुनाव में उनकी पार्टी हार गई। 9 सितंबर 2013 को राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल पूरा हो गया। अब वह दूसरी बार पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने हैं।

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Edited By

Amit Kasana

First published on: Mar 10, 2024 07:00 AM

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