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दुनिया

‘अमेरिका और चीन की अलग तरह की सोच’, क्वाड की मीटिंग में आतंकवाद पर बरसे जयशंकर

अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की मीटिंग में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद पर खुलकर बात की है। साथ ही अमेरिका और चीन पर भी बात की।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: Jul 1, 2025 22:12
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आतंकवाद पर बरसे विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर

अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में मंगलवार को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ” भारत को आतंकवाद के खिलाफ लोगों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है। हम उस अधिकार का प्रयोग करेंगे और पहले किया भी है। हम उम्मीद करते हें कि हमारे क्वाड पार्टनर इसे समझेंगे। इस दौरान विदेश मंत्री अमेरिका और चीन पर पर भी बात की। जयशंकर ने क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की मीटिंग के दौरान ये बातें कही।”

आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आगे कहा कि दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए। इस नीति से ही आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों और अपराधियों को कभी समान नहीं माना जाना चाहिए। क्योंकि पीड़ित असहाय होता है तो अपराधी बलवान होता है। सभी को पीड़ितों की मदद करने की चाहिए।

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विकास और सुरक्षा के लिए सही निर्णय लेना जरूरी

जयशंकर ने कहा कि हम सभी स्वतंत्र हैं। हिंद-प्रशांत के सभी देशों विकास और सुरक्षा पर सही निर्णय लेना जरूरी है। बता दें कि भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग अमेरिकी विदेश विभाग में क्वाड विदेश मंत्रियों की मीटिंग के लिए पहुंचे हें।

चीन को बताया पड़ोसी

एक सवाल के जवाब पर विदेश मंत्री ने कहा कि हम चीन के सबसे बड़े पड़ोसी हैं। हम उनके साथ सीमा साझा करते हैं। हम चीन के साथ संबंध चाहते हैं। इस पर दोनों देशों में बात भी चल रही है। वैसे बीजिंग शहर से भारत का व्यापक स्तर पर व्यापार होता है, लेकिन यह संतुलित नहीं है। इस पर काम करना होगा। इस पर चीन को ही विचार करना होगा।

अमेरिका और चीन की सोच की अलग

जयशंकर ने कहा कि अमेरिका और चीन एक-दूसरे के लिए अलग-अलग तरह से सोचते हैं। दोनों देशों ने एक-दूसरे के प्रति उसी सोच को फिट कर लिया है। निश्चित रूप से इसमें दोनों देशों की रणनीति शामिल हैं। इससे ज्यादा इन देशों के बारे में क्या कहा जा सकता है?

First published on: Jul 01, 2025 09:12 PM